गिरफ्तार होंगी शेख हसीना? इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने अरेस्ट वारंट किया जारी
Sheikh Hasina: बांग्लादेश की मीडिया द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना समेत 10 लोगों को 12 फरवरी तक गिरफ्तार करने और पेश करने का आदेश दिया है।
Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अब गिरफ्तार किया जा सकता है। दरअसल अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण यानी इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (International Crime Tribunal, ICT) ने शेख हसीना समेत 10 लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट (Arrest Warrant against Sheikh Hasina) जारी किया है। इसमें शेख हसीना के पूर्व डिफेंस एडवाइजर मेजर जनरल (रिटायर्ड) तारिक अहमद सिद्दीकी और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक बेनजीर अहमद शामिल हैं। ये वारंट दो मामलों से संबंधित हैं जिनमें हत्याओं और जबरन गायब करने के आरोप शामिल हैं।
ICT के जस्टिस एमडी गोलाम मुर्तुजा मजूमदार के नेतृत्व में ट्रिब्यूनल ने अभियोजन पक्ष की 11 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की मांग वाली दो याचिकाओं के बाद ये आदेश जारी किए हैं। बांग्लादेश की मीडिया द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना समेत 10 लोगों को 12 फरवरी तक गिरफ्तार करने और पेश करने का आदेश दिया है।
बता दें कि 77 साल की शेख हसीना 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं हसीना पर जुलाई-अगस्त में उपजे छात्र आंदोलन के दौरान हुई मौतों का आरोप लगा है। उन पर इस मामले में 225 मामले भी बांग्लादेश में दर्ज हैं।
भारत से बांग्लादेश ने किया था हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध
इससे पहले इस मुद्दे को लेकर भारत ने भी अपना बयान जारी किया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने बीते शुक्रवार को कहा था कि भारत को बांग्लादेश से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध मिला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत ने पुष्टि की है कि भारत को शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बांग्लादेशी पक्ष से अनुरोध मिला है। इसके अलावा उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है।
इससे पहले अक्टूबर में, ICT ने हसीना और पूर्व मंत्रियों और अधिकारियों सहित अवामी लीग के 45 दूसरे शीर्ष नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। ये वारंट भी जुलाई-अगस्त के विद्रोह के दौरान कथित तौर पर अपराधों के संबंध में जारी किया गया था। ICT में शेख हसीना और उनकी पार्टी के कई सदस्यों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार की 60 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई है।
क्या है अंतर्राष्ट्रीय क्राइम ट्रिब्यूनल
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय क्राइम ट्रिब्यूनल बांग्लादेश का एक घरेलू युद्ध अपराध न्यायाधिकरण हैं। इसे 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना और उनके सहयोगियों के किए गए नरसंहार की जांच और मुकदमा स्थापित कर चलाने के लिे 2009 में स्थापित किया था। 2008 में बांग्लादेश के आम चुनाव के दौरान युद्ध अपराधियों पर केस चलाने के लिए अवामी लीग (शेख हसीना की पार्टी) ने फैसला लिया था।
क्या वारंट के बाद शेख हसीना की गिरफ्तारी होगी?
अगर इस बार भी शेख हसीना को गिरफ्तार नहीं किया जाता तो उन्हें कई कानूनी कार्रवाईयों से गुजरना पड़ सकता है, जिसमें जुर्माना और गिरफ्तारी शामिल है। वहीं इसे अदालत की अवमानना भी माना जाएगा। ट्रिब्यूनल कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आदेश देकर कार्रवाई करा सकता है और आरोपी की संपत्ति ज़ब्त करने के अलावा यात्रा पर बैन लगाने जैसा कदम उठा सकता है।
शेख हसीना के खिलाफ पहले ही इस तरह का गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। लेकिन उसके बाद बांग्लादेश की सरकार ने भारत को शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए एक राजपत्र भेजा था। जिसके बाद अब ICT ने फिर ये अरेस्ट वारंट जारी किया है, जिस पर अभी तक भारत का आधिकारिक बयान नहीं आया है।