बैठक में देश-विदेश से कुल 577 लोग शामिल हुए थे
सीआईडी ने 19 दिसंबर, 2024 को हुई एक ऑनलाइन बैठक के बारे में गुप्त सूचना मिलने के बाद यह मामला दर्ज किया। इस बैठक में भाग लेने वालों ने ‘जॉय बांग्ला ब्रिगेड’ नामक एक मंच बनाया और गृह युद्ध के माध्यम से हसीना को फिर से सत्ता में लाने पर चर्चा की। सरकार की ओर से संचालित समाचार एजेंसी ‘बीएसएस’ ने मामले का हवाला देते हुए बताया, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और मेजबान, सह-मेजबान व बैठक में भाग लेने वाले अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच बातचीत की ‘रिकॉर्डिंग’ से पता चला है कि इन लोगों ने संकल्प लिया था कि वे वैध सरकार को शांतिपूर्ण तरीके से देश चलाने नहीं देंगे।’’ पुलिस ने बताया कि इस बैठक में देश-विदेश से कुल 577 लोग शामिल हुए थे।
बैठक में शेख हसीना के निर्देशों के प्रति समर्थन जताया था
पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने अवामी लीग की अमेरिकी शाखा के उपाध्यक्ष रब्बी आलम की ओर से आहूत बैठक में शेख हसीना के निर्देशों के प्रति समर्थन जताया था। आलम को बांग्लादेश दंड संहिता के तहत दर्ज मामले में दूसरे आरोपी के रूप में नामजद किया गया था।
हसीना गोपनीय तरीके से बांग्लादेश छोड़ कर भारत पहुंच गई थीं
गौरतलब है कि हसीना की अगुवाई वाली 16 साल पुरानी अवामी लीग सरकार पिछले साल पांच अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक जन-विद्रोह के कारण गिर गई थी। इसके बाद 77 वर्षीय हसीना गोपनीय तरीके से बांग्लादेश छोड़ कर भारत पहुंच गई थीं। उनके पद से हटने के बाद से बांग्लादेश में उन पर सामूहिक हत्या और भ्रष्टाचार सहित 100 से अधिक मामले दर्ज कराए गए हैं।