गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि आयुर्वेद जीवन जीने का विज्ञान है। भारतीय नागरिकोंं के घर-रसोई में मसालों के डिब्बे ही आयुर्वेद के खजानों से कम नहीं हैं। आयुर्वेद का इतिहास काफी पुराना है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों को डॉक्टर से ज्यादा वैद्य की पहचान पर गर्व महसूस करना चाहिए। मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद जीवन जीने का ऐसा विज्ञान है जो बिना साइड इफैक्ट के उपचार उपलब्ध करवाता है। पिछले 10 वर्ष में आयुर्वेदिक का उपयोग बड़े पैमाने पर बढ़ा है। आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी में शिक्षा के साथ-साथ शोध करने पर भी जोर दिया।
आयुर्वेद उत्पादों का उपयोग 10 गुना तक पहुंचा
कोटेचा ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में आयुर्वेद का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। दस वर्ष पहले पांच फीसदी लोग आयुर्वेदिक उत्पादों का उपयोग करते थे अब 50 फीसदी तक लोग उपयोग करने लगे हैं। वर्ष 2014 में आयुर्वेदिक उत्पादों का टर्नओवर 2.85 बिलियन डॉलर था जो वर्ष 2024 में 24 बिलियन तक पहुंच गया था। इतना ही नहीं निर्यात में भी साढ़े तीन गुना तक वृद्धि हुई है।
गुजरात में 11 बेस्ट क्लीनिक को अवार्ड
प्रदेश में 11 श्रेष्ठ आयुर्वेदिक क्लीनिक को बेस्ट क्लीनिक 2025 अवार्ड दिया गया। 500 चिकित्सकों को निशुल्क क्लीनिक ओपीडी का सॉफ्टवेयर दिया गया। इस कार्यक्रम में 1500 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया। 25 हजार से अधिक ने ऑनलाइन हिस्सा लिया। गुजरात आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा पद्धति बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. संजय जीवराजाणी ,गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल पटेल, डॉ. जयेश परमार, डॉ. धर्मेन्द्र गज्जर समेत अनेक वैद्य भी मौजूद रहे।