22 वर्षों से है इंतजार
मण्डल के अध्यक्ष डॉ सुरेंद्रसिंह पोखरना ने बताया कि 2003 में राजस्थान विधानसभा ने एक सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर केन्द्र सरकार से अनुरोध किया था कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में सम्मिलित किया जाए। 22 वर्षों के इंतजार के बाद भी राजस्थानी निवासियों को अपनी भाषा के लिए केन्द्र सरकार से मान्यता का इंतजार करना पड रहा है।मण्डल की ओर से हर तीज त्यौहार अपने प्रवासी राजस्थानी परिवारों के साथ सामूहिक रूप से मनाने का प्रयास किया जाता है। साथ ही अपनी राजस्थानी संस्कृति की पालना और प्रचार भी किया जाता है। संयोजक चन्द्र शेखर माथुर ने 7 वर्षों से प्रकाशित किए जा रहे कैलेण्डरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार की संस्था राजस्थान फाउण्डेशन ने भी इन कैलेण्डरों में रुचि दिखाई और यह संस्था कैलेण्डरों का वितरण कर रही है।