scriptराजस्थान में गुलामी के प्रतीक से मुक्ति, 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम अब होगा महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह | Ajmer city got freedom from another symbol of slavery, 113 year old King Edward Memorial will now be named Maharishi Dayanand Rest House | Patrika News
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राजस्थान में गुलामी के प्रतीक से मुक्ति, 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम अब होगा महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह

King Edward Memorial : अजमेर के लिए बड़ी खबर, विधानसभा अध्यक्ष ने दी सौगात, शहर को मिली एक और गुलामी के प्रतीक से मुक्ति, 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम अब होगा महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह, सहकारिता विभाग ने जारी किया नाम बदलने का नोटिफिकेशन

अजमेरFeb 11, 2025 / 10:03 pm

rajesh dixit

अजमेर। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर को गुलामी के एक और प्रतीक नाम से मुक्ति दिलाई है। शहर में 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदलकर अब महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह कर दिया गया है। सहकारिता विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने पिछले दिनों महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती पर अजमेर में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में इसकी घोषणा की थी। केईएम को अब नये नाम से जाना जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के निर्देश पर पिछले दिनों 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। मंगलवार को सहकारिता विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए। इस आदेश में कहा गया है कि किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल (रेस्ट हाऊस) सोसायटी का रजिस्ट्रेशन राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1958 के तहत 16 सितम्बर 1975 को किया गया था। अब इस संस्थान का नाम परिवर्तित कर महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह संस्थान अजमेर कर दिया गया है। सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार राजीव कजोत ने यह आदेश जारी किए है।
गौरतलब है कि किंग एडवर्ड मेमोरियल को अजमेर में दशकों से गुलामी के प्रतीक नाम के रूप में माना जाता रहा है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर को इन गुलामी के नामों के प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में सहकारिता विभाग को निर्देश दिए थे। उन्होंने अजमेर के ऋषि उद्यान में पिछले दिनों आयोजित महर्षि दयानन्द सरस्वती के 200वें जयन्ती समारोह में कईएम का नाम बदलकर राष्ट्रीय संत महर्षि दयानन्द सरस्वती के नाम पर करने की घोषणा की थी। उनके निर्देशों की कडी में सहकारिता विभाग ने आज यह आदेश जारी किया।
अजमेर के विभिन्न संगठनों, प्रबुद्धजनों और सामाजिक संस्थाओं ने देवनानी से मुलाकात कर कईएम का नाम बदले जाने का आग्रह किया था। गौरतलब है कि इसी कडी में पिछले दिनों राजस्थान पर्यटन विकास निगम के होटल खादिम का भी नाम बदलकर होटल अजयमेरू किया गया था। देवनानी ने अजमेर को उसके वास्तविक नाम से परिचित कराने और शहर का सांस्कृतिक गौरव पुनः स्थापित करने के लिए होटल का नाम बदलकर होटल अजयमेरू करने के निर्देश दिए थे। मालूम हो कि देवनानी ने अजमेर की फॉयसागर झील का नाम बदलकर वरूण सागर किए जाने की भी घोषणा की थी।

113 साल पहले हुई थी किंग एडवर्ड मेमोरियल की स्थापना

 अजमेर रेलवे स्टेशन रोड स्थित किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल (रेस्ट हाऊस) सोसायटी अजमेर का भवन 113 वर्ष पूर्व सन् 1912-1913 में प्रमुख रूप से अजमेर आने वाले जायरीन एवं पुष्कर जाने वाले धार्मिक यात्रियों को सस्ती दर पर प्रवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्मित हुआ था। सन् 1975 से रजिस्टर्ड, किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल (रेस्ट हाऊस) सोसायटी इसका संचालन, रखरखाव आज दिनांक तक कर रही है। राज्य सरकार के गजट नोटिफिकेशन दिनांक 03 सितम्बर 2014 से उक्त वर्णित भवन को पुरा स्मारक घोषित किया जा चुका है। परिसर का कुल क्षेत्रफल 17542 वर्गगज (लगभग 9 बीघा) है।

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