पुलिस के अनुसार जेल अधीक्षक आर. अनंतेश्वरन ने रिपोर्ट दी कि 21 अप्रेल को वार्ड नम्बर 4 में ड्यूटी पर तैनात मुख्य प्रहरी योगेश कुमार मीणा व प्रहरी परमेश जाट ने मौजूदा कारापाल को वार्ड में आपत्तिजनक सामग्री होने की संभावना जताई। जिस पर उनकी मौजूदगी में सुबह 7.30 से 9.05 बजे तक कारागृह के वार्ड नम्बर 4 के ब्लॉक संख्या 2 व 3 में सघन तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान कारागृह के वार्ड नम्बर 4 के ब्लॉक नम्बर 3 की सेल्स संख्या 2 के दरवाजे के पास से काले रंग का इस्तेमाल किया हुआ की-पैड मोबाइल(कैचौडा कम्पनी) का मिला। मोबाइल फोन में वोडाफोन कम्पनी सिमकार्ड, चार्जर, एडोप्टर काले रंग की पोलिथीन में लिपटा मिला। वहीं सफेद रंग की डाटा केबल मिली। जिसका एक सिरा यूएसबी. टाइप व दूसरा सिरा ‘बी’ टाइप है। तलाशी में प्रहरी खेताराम ने बरामद की। मुख्य प्रहरी मनीदेव ने वार्ड नम्बर 4 के ब्लॉक नम्बर एक और 2 के सामने पोर्च में फर्श व दीवार के कोने से एक सफेद रंग की सिम बरामद की। जिस पर कम्पनी का नाम मिटा हुआ है। जेल प्रशासन ने जैसलमेर के खुड़ी मुलिया हाल जेल प्रहरी खेतपालसिंह चारण के जरिए बरामद सामग्री को जब्त कर कारागार अधिनियम की धारा 42 (राजस्थान कारागार संषोधन अधिनियम 2015 में कार्रवाई के लिए सिविल लाइंस थाने भेजा। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मोबाइल फोन, 2 सिमकार्ड व अन्य सामग्री जब्त कर लिया। प्रकरण में अनुसंधान हैडकांस्टेबल राजकुमार कर रहे है।
बैरक में था हत्या का सहआरोपी
पड़ताल में आया कि हाई सिक्योरिटी जेल के वार्ड नम्बर 4 के ब्लॉक नम्बर 3 की सेल्स संख्या 2 में हार्डकोर अपराधी सरजीत पुत्र सूबेसिंह को रखा गया है। सरजीत सिंह हत्या के मामले में सहआरोपी है। सम्भवत: जेल में मोबाइल फोन इस्तेमाल करके बाहर फेंका गया था। हालांकि पुलिस के तकनीकी एक्सपर्ट मामले की गहनता से पड़ताल में जुटी है कि मोबाइल सरजीत सिंह ने इस्तेमाल किया या किसी अन्य बंदी का है।
आइइएमआइ और नाम खुरचा
प्रारंभिक पड़ताल में आया कि मोबाइल फोन और सिमकार्ड इस्तेमाली है। हार्डकोर अपराधी ने मोबाइल फोन के भीतर अंकित आइइएमआइ नम्बर और सिमकार्ड से कम्पनी का नाम खुरच कर हटा दिया। ताकि मोबाइल और उसमें चलाई सिमकार्ड की पहचान आसानी से ना की जा सके। पुलिस की साइबर तकनीक टीम की मदद से मोबाइल फोन की सीडीआर व सिमकार्ड की कुंडली खंगालने में जुटी है।
पांच दिन पहले प्रहरी बर्खास्त
हाई सिक्योरिटी जेल में अपनी वर्दी की वीसिल पर काली टेप लगाकर तीन सिमकार्ड ले जाने के मामले में 18 अप्रेल को जेल प्रहरी छोटाराम को बर्खास्त कर दिया गया। उसको 24 फरवरी शाम को मुख्यद्वार पर ली गई तलाशी में वीसिल पर मोबाइल सिमकार्ड ले जाते पकड़ा था। प्रकरण की जांच के बाद डीआईजी (कारागार) जोधपुर दिनेश मीणा ने दोषी मानते हुए बर्खास्त कर दिया था। इनका कहना है… जेल प्रहरी के संदेह पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। सर्च में चाइनिज मोबाइल फोन व दो सिमकार्ड मिले है। जिन्हें जब्त करके जांच के लिए सिविल लाइन्स थाना पुलिस को सौंपा गया है। पुलिस प्रकरण दर्जकर अनुसंधान कर रही है।
आर. अनंतेश्वरन, जेल अधीक्षक