विफा के संस्थापक सुशील ओझा ने बताया कि पहले शुद्ध आचरण वाले सभी जाति के लोग जनेऊ पहनते थे। राम, कृष्ण, बुद्ध सभी के जनेऊ, शास्त्र सम्मत सोलह संस्कारों में जनेऊ जैसे असंख्य उदाहरण इस बात की पुष्टि करते हैं। वैज्ञानिक तथ्य भी है कि जनेऊ धारण करने से आयु, बल और बुद्धि में वृद्धि होती है। मुगलकाल में जनेऊधारियों पर घोर अत्याचार, ब्रिटिशकाल में जातियों को बांटने की कूटनीति और स्वतंत्रताकाल के बाद क्षद्म धर्म निरपेक्षता युक्त राजनीति के दुष्प्रभाव का जनेऊ शिकार हुई। गिरीश जोशी ने कहा कि सनातन के इस पुनरोदय काल में सम्पूर्ण हिंदू समाज द्वारा जनेऊ धारण करना भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
समाजोत्थान की कई योजनाओं पर विचार मंथन
बैठक की अध्यक्षता कर रहे संरक्षक व पूर्व विधायक धर्मनारायण जोशी ने बताया कि आज की बैठक में रामावतार शर्मा के प्रस्ताव पर जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए प्रत्येक जोन में बाबू मोशाय नामक ई-मित्र व सियाराम शर्मा के प्रस्ताव पर आदि शंकर ई-लाइब्रेरी शृंखला की स्थापना करने, डॉ. हेमंत शर्मा के प्रस्ताव पर फिजूलखर्ची रोकने के लिए काल बाह्य रीति-रिवाजों में परिवर्तन समाज में राय शुमारी करने का भी निर्णय हुआ।
विप्र समन्वय बैठक में छह जोन की टीम हुई शामिल
राष्ट्रीय महामंत्री पवन पारीक ने बताया कि विप्र फाउंडेशन के राजस्थान के सभी छह जोनों जयपुर, उदयपुर, बीकानेर, जोधपुर, भरतपुर और कोटा जोन के प्रमुख पदाधिकारियों की इस वृहद स्तरीय बैठक में संगठन विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर भी मंथन और निर्णय हुए। जयपुर में श्री परशुराम ज्ञानपीठ (सेंटर फॉर एक्सिलेंस एंड रिसर्च) के निर्माण कार्य की प्रगति पर सतीश चन्द्र शर्मा ने रिपोर्ट रखी व परशुराम कुंड मूर्ति प्रतिष्ठा प्रकल्प की प्रगति का विवरण परमेश्वर शर्मा ने प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय महामंत्री के के शर्मा ने स्वागत भाषण किया। पारीक आश्रम ट्रस्ट की ओर से सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया। अजमेर क्षेत्र से सम्मानित विप्र प्रतिनिधि बीपी सारस्वत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद अमन, डॉक्टर विजय बसौतिया, राष्ट्रीय सचिव नरेंद्र हर्ष,जोन 1 जयपुर के प्रभारी पंकज जोशी , रतलाम, जोनल प्रमुख राजेश कर्नल, नरेंद्र पालीवाल, धनसुख सारस्वत, नवीन जोशी, डॉ हेमंत शर्मा व कृष्ण मुरारी चतुर्वेदी ने सांगठनिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।