script13 मार्च को भद्रा के बाद रात्रि 11.30 से 12.36 के बीच होगा होलिका दहन | Patrika News
अलवर

13 मार्च को भद्रा के बाद रात्रि 11.30 से 12.36 के बीच होगा होलिका दहन

होलिका दहन 13 मार्च को और धुलंडी 14 मार्च को है। होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनि पूर्णिमा को भद्रा रहित करना शास्त्रोक्त बताया गया है। इस वर्ष 13 मार्च को सुबह 10.36 बजे से पूर्णिमा प्रारंभ होगी, जो अगले दिन 14 मार्च को दोपहर 12.25 बजे तक रहेगी।

अलवरMar 05, 2025 / 12:52 pm

Rajendra Banjara

रंगों का पर्व होली इस बार विशेष योग में मनाई जाएगी। होलिका दहन 13 मार्च को और धुलंडी 14 मार्च को है। पंडित तपेश अवस्थी ने बताया कि होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनि पूर्णिमा को भद्रा रहित करना शास्त्रोक्त बताया गया है। इस वर्ष 13 मार्च को सुबह 10.36 बजे से पूर्णिमा प्रारंभ होगी, जो अगले दिन 14 मार्च को दोपहर 12.25 बजे तक रहेगी।

रात्रि 11.30 से 12.36 के मध्य होलिका दहन

प्रदोष काल में पूर्णिमा केवल 13 मार्च को ही रहने से होली का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। शास्त्र अनुसार होलिका दहन में भद्रा यदि आधी रात के समय से पहले समाप्त हो जाती है, तो भद्रा समाप्ति पर ही होलिका दहन करना चाहिए। इसलिए 13 मार्च को भद्रा के बाद रात्रि 11.30 से 12.36 के मध्य होलिका दहन करना शास्त्रोक्त रहेगा। इस बार तीन ग्रहों की विशेष युति बनने से होलिका दहन की रात्रि मंत्र, यंत्र और तंत्र साधना की जाए तो प्रभावशाली होगी। इसी कारण इसको सिद्ध रात्रि भी कहा जाता है।

ऐसा संयोग वर्ष 1995 में 30 साल पहले बना था

होलिका दहन वाले दिन सूर्य, बुध और शनि की कुंभ राशि में युति बन रही है। साथ ही शूल योग और गुरुवार का दिन इस पर्व को और भी विशिष्ट बना रहे हैं। ऐसा संयोग वर्ष 1995 में 30 साल पहले बना था, जो अब 2025 में फिर से बनने जा रहा है। रंगों की होली 14 मार्च को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और शूल नक्षत्र में खेली जाएगी।

यह भी पढ़ें:
सांसद संजना जाटव ने पुलिसकर्मियों का बनाया वीडियो, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

Hindi News / Alwar / 13 मार्च को भद्रा के बाद रात्रि 11.30 से 12.36 के बीच होगा होलिका दहन

ट्रेंडिंग वीडियो