पत्नी को मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन कराने के बहाने दिल्ली से लाया, रास्ते में दुपट्टे से गला दबा मार डाला
मामूली विवाद में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। बाद में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। अलवर की ओंकार कॉलोनी निवासी मुकेश शर्मा (44 ) पुत्र चितरंजन शर्मा दिल्ली में रक्षा मंत्रालय में कार्यरत है।
अलवर। मामूली विवाद में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। बाद में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। अलवर की ओंकार कॉलोनी निवासी मुकेश शर्मा (44 ) पुत्र चितरंजन शर्मा दिल्ली में रक्षा मंत्रालय में कार्यरत है। वह पत्नी प्रियंका शर्मा (40) और बच्चों के साथ दिल्ली स्थित सरकारी क्वार्टर में रहता है। इस बीच 23 फरवरी को मुकेश पत्नी प्रियंका के साथ मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन के लिए दिल्ली से रवाना हुआ।
रास्ते में जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर धूलकोट के समीप रात करीब 9 बजे एक होटल के समीप पति-पत्नी बस से उतर गए और पैदल ही होटल से करीब 100 मीटर दूर मानपुर चौराहे की ओर पहुंच गए। यहां दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। गुस्साए पति मुकेश ने दुपट्टे से पत्नी प्रियंका का गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद वह शव को सड़क पर छोड़ दूसरी बस से वापस दिल्ली रवाना हो गया। दिल्ली में उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। दिल्ली पुलिस की सूचना पर मानपुर थाना पुलिस ने हाईवे से करीब 14 फीट दूर प्रियंका का शव बरामद कर लिया तथा मानपुर अस्पताल में 24 फरवरी को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
एनजीओ में शिक्षिका थी प्रियंका
परिजनों के अनुसार प्रियंका किसी एनजीओ में शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही थी। वह अपने पति के साथ करीब 10-15 साल से दिल्ली में सरकारी क्वार्टर में रह रही थी। जबकि सास-ससुर सहित अन्य परिजन अलवर में रहते हैं। करीब 20 दिन पहले ही सास-ससुर दिल्ली आए थे। जिन्हें प्रियंका महाकुंभ में स्नान कराकर लाई थी।
बेटी-बेटा डर के कारण स्कूल-कॉलेज नहीं जा रहे
मृतका प्रियंका के भाई अभिषेक जैमन ने बताया कि घटना के बाद उसकी भांजी व भांजा डरे हुए हैं। उसकी भांजी दिल्ली में कॉलेज की छात्रा है, उसके सेमेस्टर चल रहे हैं, लेकिन डर की वजह से वह कॉलेज नहीं जा रही है। जबकि भांजे की वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। दोनों डर के कारण कॉलेज-स्कूल जाने से भी डर रहे हैं। इसके कारण अलवर में उनके घर पर रह रहे हैं।
बेटी को बताया- तुम्हारी मां मंदिर में रुक गई
मृतका प्रियंका की बेटी लावण्या (19) ने बताया कि घटना वाली रात करीब 8 बजे उसकी अपनी मां से फोन पर बात हुई थी। उसने देर रात डेढ़ बजे तक दिल्ली पहुंचने की बात कही थी। बाद में पापा के अकेले आने पर उसने पूछा कि मां कहां है, तो पापा ने बताया कि तुम्हारी मां मंदिर में ही रुक गई।
साल 2004 में हुई थी शादी, चरित्र पर करता था संदेह
मुकेश की शादी अलवर के सूर्यनगर निवासी प्रियंका से साल 2004 में हुई थी। परिजनों के अनुसार शादी के बाद से आरोपी अपनी पत्नी को परेशान करता रहता था। इससे परेशान होकर पत्नी अपने पीहर में रहने लगी थी। इस दौरान आरोपी के खिलाफ डॉमेस्टिक वाइलेंस का केस भी दर्ज कराया। बाद में नौकरी पर खतरा देख आरोपी फिर से पत्नी को अपने साथ ले गया। आरोपी के एक 19 वर्षीय बेटी और एक करीब 8 साल का बेटा है। वहीं, आरोपी की बेटी ने बताया उसके पापा मम्मी और उसके चरित्र पर संदेह करते थे। इसके कारण मम्मी और उसके फोन पर ट्रेकर लगा रखा था। इसके अलावा उनके पीछे से भी छानबीन करते रहते थे। इसी वजह से घर में कई बार लड़ाई भी होती रहती थी।
शव को जबरन ले जाने का भी आरोप
मृतका के परिजनों का आरोप है कि 24 फरवरी की रात करीब 2 बजे आरोपी के परिजन दो गाड़ियों में आए और मृतका के शव को जबरन ले जाने का प्रयास करने लगे। आरोपियों ने बच्चों को भी धमकाया। बाद में पुलिस बुलाने की धमकी देने पर वापस चले गए।
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