राजस्थान के व्यापारियों को भारी नुकसान
सूरत के इस कपड़ा बाजार में राजस्थान के करीब 800 व्यापारी कारोबार करते हैं। इस आग में उनकी दुकानों में रखा करोड़ों रुपये का कैश, लाखों मीटर कपड़ा स्टॉक, लैपटॉप, कंप्यूटर और जरूरी कागजात जलकर खाक हो गए। दम घुटने से एक व्यापारी की मौत भी हो गई। व्यापारियों का कहना है कि 32 साल की मेहनत से करोड़पति बने थे, एक ही रात में सड़क पर आ गए।
गहलोत ने उठाई व्यापारियों की आवाज
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखा है। उन्होंने गुजरात सरकार से मांग की है कि राजस्थान के प्रभावित व्यापारियों को राहत दी जाए और उनकी आजीविका को बचाने के लिए हर संभव सहायता की जाए। अशोक गहलोत ने जानकारी दी है कि 25 फरवरी को सूरत स्थित शिवशक्ति टैक्सटाइल मार्केट में आग लगने से वहां व्यापार करने वाले राजस्थान के तमाम व्यापारियों का बड़ा नुकसान हुआ है। यह आग इतनी भयानक थी कि इसे काबू करने में दो दिन गए गए और सैकड़ों व्यापारी भाइयों की आजीविका पर इसने संकट पैदा कर दिया।
गहलोत ने बताया कि मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि इन व्यापारियों की समुचित मदद की जाए जिससे इनकी आजीविका एवं व्यापार पर आए संकट को दूर किया जा सके। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी आग्रह है कि गुजरात सरकार के साथ संपर्क स्थापित कर हमारे राजस्थानी व्यापारियों की सहायता सुनिश्चित करवाएं।
राहत के लिए उठाए जा रहे कदम
राजस्थान युवा संघ और जिला कांग्रेस कमेटी ने सरकार से प्रभावित व्यापारियों के लिए राहत की मांग की है। एसजीटीटीए मार्केट के व्यापारियों ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। इसके अलावा एक बिल्डर ने अपने मार्केट में एक साल तक व्यापारियों को मुफ्त दुकान देने की घोषणा की है। वहीं, अन्य बाजारों के व्यापारी भी मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
कैसे लगी कपड़ा मार्केट में आग?
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार सुबह मार्केट की बेसमेंट में आग लगी, जहां कपड़े का स्टॉक रखा हुआ था। दमकल विभाग ने इसे बुझा लिया था, लेकिन बुधवार सुबह फिर से आग भड़क उठी और पूरी चार मंजिला इमारत में फैल गई। इसने तेजी से विकराल रूप ले लिया, जिससे सैकड़ों दुकानें जलकर खाक हो गईं। गनीमत यह रही कि इस आग में कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई। हालांकि, एक व्यापारी की दम घुटने से मौत हो गई, जिससे व्यापारियों में आक्रोश और दुख की लहर है। इस घटना के बाद व्यापारियों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें आर्थिक सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था दी जाए। वे चाहते हैं कि सरकार टैक्स छूट और ब्याज मुक्त लोन देकर उन्हें फिर से कारोबार शुरू करने में मदद करे।