मिनी सचिवालय में पानी आपूर्ति की समीक्षा बैठक लेने जलदाय मंत्री कन्हैयालाल पहुंचे थे। शनिवार की सुबह नौ बजे से ही शहर के अखैपुरा व किसना का कुआं की दर्जनों महिलाएं व कुछ पुरुष मंत्री को पीड़ा बताने पहुंचे थे। बैठक शुरू होने से पहले लोगों की मुलाकात मंत्री से नहीं हो पाई। कुछ अधिकारियों ने लोगों को समस्या समाधान का आश्वासन देकर भेजने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। करीब चार घंटे तक लोग मिनी सचिवालय में ही मंत्री का इंतजार करते रहे। जैसे ही दोपहर में बैठक खत्म कर जलदाय मंत्री लौटे तो सीढि़यों के पास ही लोगों ने उन्हें पानी की समस्या बतानी शुरू कर दी।
मंत्री ने फरियादी का छीना फोन
एक फरियादी पानी की समस्या बताते हुए अपने मोबाइल से वीडियो बना रहा था। उसी दौरान वन मंत्री संजय शर्मा ने फरियादी का मोबाइल छीनने की कोशिश की, लेकिन फरियादी ने मोबाइल नहीं दिया। इसका विरोध किया। जलदाय मंत्री वहां से निकल रहे थे। उसी दौरान विभागीय एक्सईएन ने फरियादी को धक्का मारा और फिर चलते बने। इस मामले को लेकर पीड़ित युवक लोकेश बैरवा का कहना है कि ‘मैं सिर्फ पानी की दिक्कत बता रहा था, वीडियो बना रहा था। लेकिन मंत्री जी ने मेरा मोबाइल छीन लिया। मैंने तो बस अपनी आवाज़ दर्ज करनी चाही थी।’
जनता की आवाज सत्ता को चुभने लगी- जूली
वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि अगर जनता अपनी समस्या लेकर आए और उसका वीडियो बनाए तो इसमें गलत क्या है? मंत्री का मोबाइल छीनना शर्मनाक है। सवाल ये है कि क्या अब जनता की आवाज़ भी सत्ता को चुभने लगी है?