एमबीबीएस में प्रवेश नहीं मिले, तब भी हैं विकल्प
एक्सपर्ट का कहना है कि एमबीबीएस में प्रवेश नहीं मिल पाए, तब भी घबराने या निराश होने की जरूरत नहीं है। अन्य क्षेत्रों में भी कॅरियर, प्रतिष्ठा और आय के लिए खुला आसमां है। एमबीबीएस ही एकमात्र विकल्प नहीं है। बायोलॉजी संकाय से 12वीं करने वाले विद्यार्थियों के पास फॉरेंसिक साइंस, बायोइनफॉर्मेटिक्स, जेनेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, क्लिनिकल रिसर्च, न्यूट्रीशियन साइंस, पर्यावरण विज्ञान जैसे अनेक विकल्प मौजूद हैं, जिनमें न केवल कॅरियर की मजबूती है, बल्कि समाज में प्रतिष्ठा और अच्छी आय की भी संभावनाएं हैं।
पिछले साल 652 अंक वाले जनरल कैंडिडेट को मिला सरकारी मेडिकल कॉलेज
क्वालीफाइंग कटऑफ से स्टूडेंट को केवल काउंसलिंग में भाग लेने का मौका मिलता है। नीट यूजी एग्जाम दे रहे अधिकांश स्टूडेंट्स का सपना एमबीबीएस कोर्स में दाखिले का होता है। पिछले साल 2024 में 652 अंक वाले जनरल व ओबीसी स्टूडेंट को सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट मिली थी। ईडब्ल्यूएस में 648 अंक वाले का एडमिशन हुआ। वहीं, एससी में 549 और एसटी में 529 अंक वाले को सीट मिली।
देशभर में 23 लाख से ज्यादा पंजीकृत
इस बार देशभर में 23 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा के लिए पंजीकृत हैं। बीते 6 वर्ष में परीक्षा देने वाले कुल 110.90 लाख कैंडिडेट में क्वालीफाई कैंडिडेट 58.93 लाख हैं। जबकि लगभग 52 लाख परीक्षार्थी क्वालीफाई ही नहीं हो पाए। नीट यूजी-2025 में लगभग 12 लाख विद्यार्थी पात्र घोषित होंगे, लेकिन देशभर के लगभग 780 सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में कुल 1,18,190 एमबीबीएस सीटें ही उपलब्ध हैं।