अब तक ऐसे चल रहा था काम
1 जुलाई 2024 से नए कानून के तहत हर गंभीर मामले में डिजिटल साक्ष्य जुटाना अनिवार्य हो गया था, लेकिन पुलिस के पास न जरूरी डिवाइस थे और न ही स्टोरेज की सुविधा। अक्सर पुलिसकर्मियों को अपने निजी मोबाइल से वीडियोग्राफी करनी पड़ती थी। कई बार तो इंटरनेट और मेमोरी की समस्या से जांच बाधित हो जाती थी। इन्हीं समस्याओं व चुनौतियों के बीच उन्हें कार्य करना पड़ रहा था।डिवाइस करेगा बेहतरीन कार्य
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह डिवाइस ऐसे स्मार्टफोन हैं, जो धूल, पानी, गर्मी, झटकों और खराब मौसम में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। पुलिस इसका घटनास्थल पर फोटो, वीडियो रिकॉर्डिंग और सबूत जुटाने के लिए उपयोग करेगी। इस तकनीक की सहायता से अब डिजिटल साक्ष्य जुटाने का काम और आसान हो जाएगा। अधिकारियों की माने तो अलवर जिले के 20 थानों को ये डिवाइस उपलब्ध कराई गई है।साक्ष्य जुटाने में आसानी प्रदान करेंगे
अलवर जिले के 20 पुलिस थानों में स्मार्टफोन जैसे डिवाइस उपलब्ध कराए गए हैं, जो पुलिस को घटनास्थल पर साक्ष्य जुटाने में आसानी प्रदान करेंगे और इन साक्ष्यों को ई-साक्ष्य ऐप पर सब्मिट करने पर सीधे न्यायालय के पास चले जाएंगे। –डॉ. तेजपाल सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अलवरयह भी पढ़ें:
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