इस दौरान महिला दर्द से कराहती हुई रोती रही, लेकिन उसका पैर नहीं निकल सका। महिला का पैर करीब 20 मिनट तक लोहे के जाल में फंसा रहा। बाद में जाल को काटकर महिला का पैर बाहर निकाला गया। इससे वाहनों को अस्पताल में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए भी भारी मशक्त करनी पड़ी।
डेढ़ महीने में यह तीसरी घटना
अस्पताल में पिछले करीब डेढ़ महीने में जाल में पैर फंसने की यह तीसरी घटना है। इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन की ओर से इसे दुरस्त नहीं कराया गया। वहीं, मंगलवार को जब महिला का पैर फंसा हुआ था, इसी बीच एक अन्य महिला लोगों की भीड़ देखकर वहां आई तो उसका भी पैर लोहे के जाल में फंस गया। गनीमत रही कि दूसरी महिला का पैर जल्द ही जाल से निकल गया। इस दौरान वह महिला काफी देर तक अपना पैर पकड़कर बैठी रही।