गुरु ग्रह का साल 2025 में पहली बार गोचर 14 मई को मिथुन राशि में होगा। फिर इसके बाद दूसरा गोचर 19 अक्तूबर को कर्क राशि में होगा। साल 2025 में गुरु कर्क राशि में रहते हुए अपनी उच्च अवस्था में होंगे। ऐसे में कुछ राशि वालों को इसका विशेष लाभ मिलेगा।
12 नवंबर 2025 को गुरु ग्रह कर्क राशि में रहते हुए वक्री हो जाएंगे। फिर इसी अवस्था में रहते हुए 03 दिसंबर 2025 को फिर से मिथुन राशि में गोचर हो जाएंगे। इस तरह से साल 2025 में गुरु ग्रह वृषभ राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए मिथुन राशि में ,फिर मिथुन राशि से चंद्रमा की राशि कर्क में गोचर होंगे और कर्क राशि से निकलकर वक्री होकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
09 जून 2025 को गुरु अस्त हो जाएंगे और 09 जुलाई को उदय हो जाएंगे। इस तरह से गुरु के साल 2025 में दो बार गोचर होने से अतिचारी होंगे।
गुरु गोचर का प्रभाव (Guru Gochar Prabhav)
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार गुरु के इस गोचर से व्यापार में तेजी आएगी। देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी। प्राकृतिक घटनाएं होंगी। भूकंप आने की संभावना है। तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं।बस और रेलवे यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है। बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है। शासन-प्रशासन और राजनीतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे। सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं।
खदानों में दुर्घटना और भूकंप से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा। राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा। ये भी पढ़ेंः
गुरु गोचर उपाय (Guru Gochar Upay)
1. भविष्यवक्ता डॉ.. अनीष व्यास के अनुसार इस समय हं हनुमते नमः, ऊँ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें।प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
3. हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। 4. ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है।