वक्री बुध का कई लोगों को लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह के वक्री होने से संचार कौशल में कमी, तकनीकी खामियां, यात्राओं में बाधा और गलतफहमी देखी जा सकती है। हालांकि बुध वक्री अवधि व्यक्तिगत प्रगति के लिए कुछ लोगों के लिए फलदायक साबित हो सकती है।इस समय लंबे समय से रूके प्रोजेक्ट पूरे किये जा सकते हैं और अटका काम पूरा हो सकता है। मीन राशि में बुध की वक्री अवस्था सहजता और भावुकता में वृद्धि करती है। इसलिए बातचीत में शब्दों का चयन सावधानी से करना होगा।
मीन राशि में बुध वक्री का विश्व पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि और तर्क का कारक माना जाता है। अब ये नवग्रहों के मंत्री बृहस्पति महाराज की राशि मीन में वक्री होंगे। इसका देश विदेश पर बड़ा असर पड़ेगा। आइये जानते हैं इसका क्या असर पड़ेगा।विवाद में घिरेंगे बड़े नेता अधिकारी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध वक्री अवधि में भारत सरकार के प्रतिनिधि और उच्च पदों पर बैठे राजनेता अपने बयान से किसी विवाद में फंस सकते हैं। अच्छी नीतियों पर भी सरकार की आलोचना हो सकती है।बुध के मीन राशि में वक्री के दौरान भारत सरकार को विदेश से धमकियां मिल सकती हैं। हालांकि परिस्थितियां नियंत्रण में रहेंगी। इस समय देश के नेताओं को कुछ आक्रामक कदम उठाते हुए देखा जा सकता है, जिनके पीछे सोच-विचार की कमी आसानी से देखी जा सकेगी।
बुध सफलता भी देंगे
बुध वक्री अवधि में जो लोग ज्योतिष और गूढ़ विज्ञान आदि की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन बुध की स्थिति शुभ होने पर आपको सफलता मिलेगी।मेडिटेशन करने वाले, योग इंस्ट्रक्टर और अन्य लोगों को सकारात्मक परिणाम पाने में दिक्कत हो सकती है। रिसर्च कार्यों से जुड़े लोगों और ज्योतिषियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
बुध वक्री का व्यापार क्या असर
मीन राशि में बुध वक्री अवधि में व्यापारियों के लिए मुश्किल आ सकती है। वक्री बुध अवधि में म्यूजिक इंडस्ट्री पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है, इसलिए कुछ बड़े और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट फेल हो सकते हैं। ऐसे में म्यूजिक इंडस्ट्री को हानि झेलनी पड़ सकती है। इस दौरान फिल्मों का प्रदर्शन निराशाजनक रह सकता है।मीन राशि में वक्री बुध का शेयर बाजार पर प्रभाव
मीन राशि में बुध वक्री का असर 15 मार्च 2025 के बाद नकारात्मक रूप से स्टॉक मार्केट पर दिखाई दे सकता है। इस समय केमिकल फर्टिलाइजर इंडस्ट्री, चाय और कॉफी उद्योग, स्टील इंडस्ट्री, हिंडालको, वूलेन मिल्स सहित विभिन्न सेक्टर्स में मंदी आ सकती है।वहीं, रिलायंस इंडस्ट्री, परफ्यूम और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, टेक्नोलॉजी इनफार्मेशन आदि क्षेत्रों में महीने के अंत तक मंदी बनी रह सकती है जो आगे भी जारी रह सकती है। वेब डिजाइनिंग से जुड़ी कंपनियों और पब्लिशिंग फर्म की गति भी थम सकती है।