बेस्ट माइलेज के लिए कितनी होनी चाहिए कार की स्पीड?
जानकारों और ऑटो एक्सपर्ट्स के हिसाब से, अगर कार को 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर लगातार चलाया जाए तो फ्यूल की खपत काफी हद तक कम होती है। कम स्पीड पर इंजन लो आरपीएम में काम करता है, जिससे माइलेज बढ़ता है और इंजन की लाइफ भी बेहतर होती है।
अलग-अलग गियर के लिए आइडियल स्पीड रेंज
हर गियर की एक तय रफ्तार होती है जिस पर कार सबसे सही तरीके से चलती है। तीसरा गियर – 30 से 50 किमी/घंटा चौथा गियर – 50 से 70 किमी/घंटा पांचवां गियर – 70 किमी/घंटा से ऊपर छठा गियर (अगर उपलब्ध हो) – 80 से 100 किमी/घंटा अगर इन सीमाओं से ऊपर या नीचे स्पीड होती है तो इंजन पर ज्यादा जोर पड़ता है, जिससे माइलेज घट सकता है।
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बार-बार एक्सीलेरेटर पर जोर देना, खासकर स्टार्ट करते समय, फ्यूल की खपत को बढ़ा देता है। बेहतर यह रहेगा कि आप धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाएं और लो आरपीएम में गाड़ी चलाएं। इससे फ्यूल बचता है और गाड़ी की परफॉर्मेंस भी स्मूथ बनी रहती है।
क्लच का फालतू इस्तेमाल न करें
गाड़ी चलाते वक्त क्लच को बार-बार दबाना और बिना वजह पैरों को उस पर रखे रखना एक आम आदत है, लेकिन यही माइलेज कम करने की एक बड़ी वजह बन सकती है। क्लच का इस्तेमाल केवल गियर बदलते वक्त या जब जरूरी हो, तभी करें।
लोअर गियर में न करें एक्सीलेरेशन
जब गाड़ी कम स्पीड पर होती है और आप उसे लो गियर में चला रहे होते हैं, तो उस वक्त एक्सीलेरेटर दबाना फ्यूल वेस्ट करता है। इंजन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और फ्यूल तेजी से खर्च होता है। इससे ना सिर्फ माइलेज कम होता है बल्कि गियरबॉक्स को भी नुकसान हो सकता है। ये भी पढ़ें- Citroen Dark Edition सीरीज भारत में लॉन्च, MS Dhoni को दी गई पहली यूनिट, जानें क्या है खास? गाड़ी की समय पर सर्विस है जरूरी
अगर आपकी कार समय पर सर्विस नहीं होती तो इंजन की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है और फ्यूल की खपत बढ़ जाती है। एयर फिल्टर, इंजन ऑयल और टायर प्रेशर जैसी चीजों का ध्यान रखने से गाड़ी लंबे समय तक अच्छी माइलेज देती है।
नाइट्रोजन हवा और सही टायर प्रेशर से भी मिलेगी मदद
टायर में सही दबाव होना फ्यूल एफिशिएंसी को काफी हद तक सुधारता है। सामान्य हवा की बजाय अगर टायर में नाइट्रोजन गैस भरी जाए तो टायर ज्यादा समय तक सही दबाव में रहते हैं और ड्राइविंग स्मूथ रहती है, जिससे माइलेज बेहतर होता है।