कैसी होगी सरकार की ‘Sahkar Taxi’?
यह सर्विस Ola और Uber की तर्ज पर ही होगी, लेकिन इसमें कोऑपरेटिव सोसायटियों के तहत रजिस्ट्रेशन होगा। यानी, टैक्सी, रिक्शा, टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर ड्राइवर सीधे इस सर्विस से जुड़ पाएंगे, बिना किसी बिचौलिये या बड़ी कंपनियों के कमीशन कटौती के। अमित शाह ने लोकसभा में कहा, “यह सिर्फ एक नारा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ विजन को साकार करने के लिए, हमने पिछले साढ़े तीन सालों में कड़ी मेहनत की है। कुछ महीनों में, एक बड़ी सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी, जिससे ड्राइवरों को सीधा लाभ मिलेगा।”
Ola और Uber पर क्यों उठे सवाल?
सरकार की इस घोषणा के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि हाल ही में Ola और Uber की कीमत निर्धारण नीति (Pricing Policy) पर सवाल उठे हैं।
क्या है विवाद?
iPhone और Android यूजर्स को अलग-अलग किराया? दिसंबर 2024 में एक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुआ था, जिसमें एक ही राइड के लिए iPhone और Android पर अलग-अलग किराया दिखाया गया था। CCPA (केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण) ने Ola और Uber को नोटिस भेजा और जवाब मांगा कि क्या वे फोन मॉडल के आधार पर अलग-अलग किराए वसूल रहे हैं।
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कंपनियों की सफाई
Ola ने कहा, “हम सभी ग्राहकों के लिए एक समान मूल्य निर्धारण नीति अपनाते हैं और फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम के आधार पर किराए में भेदभाव नहीं करते।” Uber ने भी आरोपों से इनकार किया और कहा, “हम फोन मॉडल के आधार पर किराया तय नहीं करते हैं। हम CCPA के साथ मिलकर किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार हैं।”
क्या सरकार और सेक्टरों की भी जांच करेगी?
उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस मुद्दे को “अनुचित व्यापार प्रथा” बताया और कहा कि अब अन्य क्षेत्रों, जैसे फूड डिलीवरी और ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवाओं की मूल्य निर्धारण रणनीतियों की भी जांच की जाएगी।
क्या ‘Sahkar Taxi’ से बदलेगा गेम?
सरकार की यह नई ‘Sahkar Taxi’ सेवा ड्राइवरों को ज्यादा कमाई का मौका दे सकती है, क्योंकि इसमें बिचौलियों का कोई रोल नहीं होगा। इससे टैक्सी चालकों को बेहतर कमाई मिलेगी और संभव है कि यात्रियों के लिए भी किराया सस्ता हो जाए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Ola और Uber इस नई चुनौती का कैसे सामना करेंगे और सरकार की नई टैक्सी सर्विस बाजार में कितनी सफल होगी?