सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि वर्तमान में केवल 40% ई-चालान का ही भुगतान किया जाता है। इससे बचने के लिए लोग चालान को लंबे समय तक टालते रहते हैं या लोक अदालतों के माध्यम से छूट पाने की कोशिश करते हैं।
ई-चालान भुगतान नहीं करने पर बढ़ सकता है बीमा प्रीमियम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक और प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है, जिसमें जिन लोगों पर दो या उससे अधिक चालान पेंडिंग होंगे, उनके वाहन का बीमा प्रीमियम बढ़ाया जा सकता है। यह कदम इसलिए जरूरी माना जा रहा है क्योंकि देशभर में कई राज्यों में ट्रैफिक चालान की रिकवरी दर काफी कम है। ये भी पढ़ें- पिछले तीन महीनों में Hero की इस बाइक को नहीं मिला 1 भी ग्राहक, आएगा अपडेटेड मॉडल या बंद करने की है प्लानिंग? किन राज्यों में चालान की रिकवरी सबसे कम?
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में केवल 14% चालान का भुगतान किया जाता है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह दर 27% है। ओडिशा में यह आंकड़ा 29% के करीब है। इसी तरह, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इस समस्या के पीछे मुख्य कारण यह है कि चालान न भरने पर तत्काल कोई सख्त दंड नहीं है। इसके अलावा, लोक अदालतों में छूट मिलने के कारण भी लोग जानबूझकर चालान का भुगतान नहीं करते। कई ऐसे वाहन भी हैं, जिन पर एक से दो लाख रुपये तक के चालान बकाया हैं।
सरकार की प्लानिंग है कि यदि लाइसेंस निलंबन या बीमा प्रीमियम बढ़ाने जैसे कड़े कदम उठाए जाएं, तो लोग ट्रैफिक नियमों को लेकर अधिक गंभीर होंगे और चालान की अदायगी समय पर करेंगे।
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