बताया गया कि गजपुर, बाहकल रेत घाट बंद होने के बावजूद धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन किया जा रहा है। क्षेत्रीय विधायक गौरव सिंह पारधी चंदन नदी में के अवैध रेत खनन को रोकने प्रयासरत रहे हैं। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण उनके प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। छुटमुट कार्रवाई के बाद पुन: रेत खनन का कारोबार शुरू हो जा रहा है।
विधायक के प्रयास भी नाकाफी
विधायक पारधी का कहना है, नदिया हमारी जीवन दायिनी है। नदिया ही नहीं होगी, तो हमारा जीवन भी नहीं होगा। नदियां सुरक्षित और संरक्षित रहे इसलिए उन्होंने कई बार स्वीकृत कलगांव और बाहकल रेत घाट को बंद कराने का प्रयास किया था। जनता की सजगता और सहयोग से कलगांव और बाहकल रेत घाट को पिछले वर्ष शासन ने बंद भी कर दिया है। इसके बाद क्षेत्रवासियों को उम्मीद थीं कि इन अस्वीकृत रेत घाटों से रेत का अवैध उत्खनन बंद होगा। लेकिन बाहकल, कलगांव, अतरी, कटंगी के अलावा अन्य जगहों के सिंडिकेट रेत कारोबारियों अब भी कलगांव, बाहकल अस्वीकृत रेत घाट से रेत का जमकर उत्खनन कर रेत चोरी कर रहे हैं।
हजारों ट्राली रेत का परिवहन
जागरूकजनों की माने तो अब तक हजारों ट्राली रेत का अवैध उत्खनन कर सरकार के राजस्व को चुना लगाया जा चुका है। आज भी बिना रॉयल्टी की चोरी की रेत आम जनता को 3 हजार से 35 सौ रुपए ट्राली में ही मिल रही है। खनिज, राजस्व और पुलिस प्रशासन की आंखों के सामने ही रेत कारोबारी के ट्रैक्टर ट्राली बेखौफ परिवहन कर रहे हैं। बावजूद कभी इन्होंने इन पर कार्रवाई नहीं की। इनके हौसले अब बुलंद हो चुके हंै। अभी भी एक दर्जन से ज्यादा ट्रैक्टर इन अस्वीकृत रेत घाटों से लगभग 200 ट्राली रेत प्रतिदिन परिवहन कर रहे हैं। इस पूरे मामले में खनिज विभाग के जिम्मेदार रटारटाया जवाब देकर कार्रवाई से इतिश्री कर रहे हैं। खनिज निरीक्षक बीके पाटिल के अनुसार शिकायत मिलने पर मौके पर दबिश दी जाती है। कुछ मामले में कार्रवाई भी की गई है। कलगांव, बाहकल में भी निरीक्षण किया जाएगा।