शावकों के साथ दिखी बाघिन
बताया गया कि 17 जून को गौर बाघिन 4 शावकों के साथ पुरी सजगता से विचरन करते पाई गई। इस दृश्य को पर्यटकों ने अपने मोबाईल से वीडियो बनाया। यही बाघिन तालाब के किनारे अपने शावकों के साथ आराम करती भी पाई गई। इसके बाद वह उठकर अन्य स्थान पर चली गई। यहां भी पर्यटकों ने वीडिया बनाकर वायरल कर दिया।
वन्यजीव प्रेमी ने मनाई खुशियां
वायरल हुए 1 मिनट 21 सेकेंड तालाब का वीडियों एवं 16 सेकेंड के पगडंडी में विचरण करते हुए वीडियों ने वन एवं वन्यजीव प्रेमियों में खलबली मचा दी है। बाघिन गौरा सहित शावकों को देखने बड़ी संख्या में पर्यटक सोनेवानी जंगल पहुंच रहे हैं। हालाकि अधिकांश पर्यटकों ने गौरा बाघिन को तो देखा, लेकिन शावक सहित बाघिन को देखने का कुछ पर्यटकों को ही सौभाग्य मिला।
अंग्रेजों के जमाने का रेस्ट हाउस
वन्य प्राणी संरक्षण समिति सदस्य सिकंदर मिश्रा और असफाक खान के अनुसार जंगल के बीचों-बीच अंग्रेजों के शासनकाल में बनाया हुआ रेस्ट हाउस भी है। यही शासन काल में सागौन वन का प्लांटेशन भी हुआ है, जिसमें बड़े-बड़े हरे भरे ऊंचाई वाले पेड़ हो गए हंै। इतना ही नहीं एक सागौन का इतना बड़ा पेड़ है कि उसका करीब सात साल पूर्व प्रदेश में पेड़ों की गणना में तीसरा स्थान लगा था। साथ ही यहां प्राचीन गणेश मंदिर भी है। पर्यटक इन्हें भी खूब पसंद करते हैं।
एलर्ट मोड में वन विभाग
बाधिन अपने 4 शावकों के साथ सोनेवानी वन में दिखाई देने की जानकारी वन विभाग को लगी, लालबर्रा परिक्षत्राधिकारी एवं वारासिवनी परिक्षेत्राधिकारी अपने वन अमले को एलर्ट कर दिया है। जगह-जगह कैमरे एवं चेतावनी बोर्ड लगाए जाने लगे हैं। गश्ती बढ़ा दी गई है। साथ पर्यटक जिप्सी संचालकों एवं गाइड के लिए निर्देश जारी किए गए हंै कि पर्यटकों वन्यप्राणियों से निर्धारित दूरी बनाए रखे।
ऐसे पहुंचते हैं सोनेवानी
सोनेवानी में आने वाले महाराष्ट्र राज्य के पर्यटक गोंदिया जिला होते हुए ट्रेन या बस के माध्यम से बालाघाट मुख्यालय आते हंै। यहां से फिर वे बस या निजी वाहन से लालबर्रा तक पहुंचते हैं। इसके बाद सफारी करने जाते हंै। इसी तरह कुछ पर्यटक तुमसर भंडारा जिले से सीधे खैरलांजी, वारासिवनी होकर लालबर्रा आते हंै और फिर वहां से बस व अन्य माध्यम से जंगल तक जाते हंै। भोपाल, इंदोर, जबलपुर के पर्यटकों के लिए भी रेल्वे, बस सहित अन्य माध्यम उपलब्ध है।