लामता थाना क्षेत्र के ग्राम चरेगांव निवासी जितेंद्र बिसेन (35) धान खरीदी केन्द्र पर कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात था। उसे इस बार धान खरीदी का प्रभारी बनाया गया था। 23 तक धान की खरीदी हुई। इसके बाद से जितेंद्र कागजी कार्यों में व्यस्त हो गया। बताया जा रहा है कि बीते तीन दिनों से जितेंद्र मानसिक तनाव में था। वह सोमवार को कार्यालय से काम करने के बाद रात को घर पहुंचा। घर से मंगलवार की सुबह सात बजे कार्यालय जाने की बात कहकर निकला।
कार्यालय से पत्नी सुलेखा के मोबाइल (व्हाट्सएप) पर एक सुसाइड नोट भेजा, जिसे उसकी पत्नी ने सुबह 8.30 बजे देखा और आनन-फानन में कार्यालय पहुंची तब तक वह पंखे पर फंदा लगाकर खुदकुशी कर चुका था। इसकी जानकारी होते ही क्षेत्रीय विधायक मधु भगत भी मौके पर पहुंच गए। सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस को वहां मौजूद लोगों ने शव उतारने से रोक दिया। विधायक मृतक की पत्नी, परिजन व उपस्थित लोगों के साथ धरने पर बैठ गए। एसडीएम, एएसपी की समझाइश के बाद वे माने। एफएसएल टीम के पहुंचने तथा वीडियो रिकॉर्डिंग के बीच शव को कब्जे में लेने की कार्रवाई की गई।
पुलिस को मौके पर नहीं मिला सुसाइड नोट पत्नी सुलेखा के मोबाइल पर मृतक जितेंद्र ने जिस सुसाइड नोट को भेजा है। घटनास्थल से वह नोट पुलिस को नहीं मिला। पुलिस ने मृतक व उसकी पत्नी के मोबाइल को जब्त कर जांच शुरू कर दी है। मृतक ने जिन छह लोगों के नाम लिखे हैं। खुदकुशी के लिए परिजन उनको जिम्मेदार बता रहे हैं। उनका कहना है कि वे लोग जितेंद्र को फंसाने के साथ उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे थे।
पत्नी सुलेखा का कहना है कि उसके साथ न्याय होना चाहिए? वह जानना चाहती है कि सुसाइड नोट में जिनके नाम है, वे लोग उसके पति को किस लिए और कैसे प्रताडि़त कर रहे थे? पुलिस ने इस मामले में सारे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बिंदुवार जांच किए जाने का आश्वासन दिया है। थाना प्रभारी लामता ने बताया कि मर्ग कायम कर लिया गया है। सुसाइड नोट की जांच की जा रही है। इसके बाद जिनके नाम उसमेंं है, उनके खिलाफ संबंधित धाराओ में प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
50 लाख के 300 क्विंटल धान शार्टेज का अनुमान धान खरीदी केन्द्र प्रभारी के खुदकुशी किए जाने के बाद हर कोई यह जानना चाहता है कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया? बताया जा रहा है कि खरीदा गया धान कम है। ऐसे में धान शार्टेज का मामला तो खुदकुशी का कारण नहीं है? एसडीएम गोपाल सोनी ने बताया कि खरीदी के शुरुआती समय में उक्त केन्द्र का कलेक्टर निरीक्षण किए थे। उस समय प्रभारी का कार्य संतोषप्रद पाया गया था। इसके बाद यहां कुछ गड़बड़ी हुई होगी। मृतक प्रभारी के परिजन सुसाइड नोट में जिनके नाम है उन पर गड़बड़ी करने और मृतक को फंसाने का आरोप लगा रहे हैं। इन सारे बिंदुओं को ध्यान में रखकर पुलिस जांच कर रही है। उक्त केन्द्र पर करीब 50 लाख रुपए कीमत के तीन सौ क्विंटल धान के शार्टेज का अनुमान है।
वर्जन – मृतक की पत्नी वे घर से सुबह सात बजे निकले। कार्यालय से मेाबाइल पर सुसाइड नोट भेजा, जिसे मैंने सुबह 8.30 बजे रिसीव किया। उसमें उन्होंने लिखा था कि मैंने इमानदारी से काम किया है। मुझे परेशान किया जा रहा है। उन्होंने सुसाइड नोट में (छह लोगों का नाम बोलकर) लिखे सभी नाम वालों पर फंसाने का अरोप लगाया है। मैं यह जानना चाहती हूं कि ये सभी लोग किस चीज के लिए मेरे पति के पीछे लगे थे।
– सुलेखा, मृतक की पत्नी वर्जन – विधायक चरेगांव सोसायटी के धान खरीदी प्रभारी के खुदकुशी किए जाने की जानकारी सुबह ना बजे मिली। इसके बाद मैं मौके पर पहुंचा। मृतक की धर्मपत्नी के माध्यम से जानकारी हुई कि उसने सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें कुछ लोगों के नाम है। उनकी वजह से उसने खुदकुशी किए जाने का जिक्र किया है। इसकी जांच होनी चाहिए। नियमानुसार मृतक की धर्मपत्नी के लिए कार्य सुनियोजित किया जाना चाहिए। परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए।
– मधु भगत, विधायक विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा