अवैध निर्माण के कारण रास्ते हो गए बंद
इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि हमें आने-जाने के लिए रास्ता दिया जाए। अगर घेराबंदी की गई तो हमें चलने में दिक्कत होगी। सांकरा पंचायत प्रशासन का कहना है कि हम अपनी जगह को सुरक्षित कर रहे हैं। जगन्नाथपुर पंचायत प्रशासन जाने कि वे अपने गांव के निवासियों को किधर से आवागमन के लिए सुविधा देंगे। यह भी जानकारी मिली कि पूर्व में जिसने भी आबादी के तहत वहां निवास किया, उनके लिए आवागमन के लिए गली थी। लेकिन आज के दौरान वहां अवैध निर्माण हो चुका है और रास्ते बंद हो गए हैं। निवासियों के लिए आने-जाने का रास्ता सांकरा की जमीन से
दो मकान के निवासियों के लिए आने-जाने का रास्ता सांकरा की जमीन की ओर से है। तो सांकरा और जगन्नाथपुर के बीच स्थित स्कूल मैदान में कई लोगों द्वारा अवैध कब्जा करके सब्जी बाड़ी का निर्माण तो कोई ईट, पत्थर, रेत आदि का भंडारण कर सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा किया गया है। वहीं गंदगी का आलम भी है। जबकि पास में ही सांकरा का आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है। आसपास पूरा कचरे का ढेर है।
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खंभा गड़ाने के प्रयास में छिड़ा विवाद
शनिवार को जब सुबह सांकरा के लोगों द्वारा सीमा पर गड्ढा खोदकर खंभा गड़ाने का प्रयास किया गया तो विवाद छिड़ गया। सांकरा और जगन्नाथपुर दोनों गांव के निवासी आमने-सामने आ गए। मामले में माहौल बिगड़ता देख जनपद सदस्य पति सुभाष हरदेल ने तहसीलदार को सूचित किया। तहसीलदार आशुतोष शर्मा मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाइश दी गई और जो घेराबंदी की जा रही थी, उसे जनपद सीईओ से बात करके रुकवाया गया। तहसीलदार का कहना था कि इस तरह से घेराबंदी नहीं कर सकते, जब तक कोई विशेष कारण ना हो। तो वहीं सांकरा सरपंच लता चुरेंद्र का कहना था कि हम अपनी सीमा क्षेत्र के सरकारी जमीन को अवैध कब्जा से बचाना चाहते हैं। स्कूल मैदान को सुरक्षित करने के लिए हम घेराबंदी कर रहे हैं और अवैध कब्जा को रोकने के लिए यह जरूरी भी है।
सुलह करते हुए रास्ता निकालना होगा
जगन्नाथपुर की सरपंच देव कुंवर कोसमा का कहना है कि सीमांकन हो जाए। किसकी जमीन कहां तक है, यह तय हो जाए और किसी का आवागमन बाधित न हो, इस तरह से सुलह करते हुए रास्ता निकालकर काम होना चाहिए। इस तरह सीमा पर घेराबंदी करने से विवाद और बढ़ेगा और दोनों गांव के बीच तनाव की स्थिति निर्मित हो सकती है। तहसीलदार ने भी दोनों पक्षों को आश्वस्त किया कि सुलह करिए और अवैध कब्जा हटाइए। दोनों सरपंचों को जिम्मेदारी दी गई कि एक-दो दिन के भीतर जितने भी स्कूल मैदान में अवैध कब्जे दिख रहे हैं, वह साफ होना चाहिए। उसके बाद जनपद प्रशासन मामले की जांच कर अगर वहां बाउंड्रीवॉल या अस्थाई घेरा बनाने की जरूरत पड़ती है तो आदेश करेगा तभी सांकरा पंचायत आगे काम करेगी। तब तक के लिए फिलहाल काम को तहसीलदार ने रुकवा दिया है।
तीन से चार बार सीमांकन हो चुका है
ग्रामीणों का कहना है कि दोनों गांव की सीमा को लेकर काफी विवाद है। इसके पहले भी तीन से चार बार सीमांकन हो चुका है। हर कोई अलग जानकारी बताते हैं। ऐसे में अस्पष्ट जानकारी के चलते सीमा का निर्धारण नहीं हो रहा है। सांकरा पंचायत प्रशासन द्वारा जिस तरह से नाली के किनारे घेराबंदी की जा रही है। वैसे में तो जगन्नाथपुर का स्कूल, पानी टंकी तक भी उनके दायरे में आ जाएगी। जबकि वह पूर्व के रिकॉर्ड के अनुसार जगन्नाथपुर के जमीन पर ही बनी हुई है। मामला पूरी तरह से विवादित हो सकता है। अगर प्रशासन इसमें जल्द सुलह नहीं करता है। आगे विवाद और बढऩे की आशंका है।