प्राप्त जानकारी के अनुसार, शांति देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुहेला में 9 जून को नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ किए जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद उक्त संस्थान के अंतर्गत संचालित पांच स्कूलों की जांच हेतु छह सदस्यीय समिति गठित की गई थी। जांच में संसाधनों की भारी कमी और संचालन में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। विद्यालय के संचालक और प्राचार्य को एक सप्ताह के भीतर परिसर से अन्यत्र आवास स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है।
साथ ही पंद्रह दिनों के भीतर न्यूनतम अहर्ता प्राप्त प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि तय अवधि में कमियों को दूर नहीं किया गया तो इन स्कूलों की मान्यता भी समाप्त कर दी जाएगी।
सख्त संदेश
कलेक्टर दीपक सोनी की इस सख्त कार्रवाई से जिले भर के निजी
स्कूलों में हड़कंप मच गया है। शिक्षा के स्तर और बाल सुरक्षा के प्रति प्रशासन की यह गंभीरता आने वाले समय में एक उदाहरण बनेगी। विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा, योग्य शिक्षकों की नियुक्ति एवं अधिनियम के तहत आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक ठोस कदम माना जा रहा है।
चार अन्य स्कूलों को नोटिस
शांति देवी लिटिल स्टार स्कूल सुहेला, शांति देवी स्कूल रावन, शांति देवी स्कूल दतान और शांति देवी उमा शाला सुहेला में संसाधनों और मानकों की कमी पाए जाने पर नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया गया है।
तुरंत कार्रवाई के निर्देश
जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने शाश्वत लिटिल स्टार स्कूल, सुहेला की मान्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही आरोपी शिक्षक शैलेष वर्मा के विद्यालय परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।