उन्होंने कहा, नियमित और जिम्मेदाराना व्यवहार के रूप में, वायरल संक्रमण (जैसे, बुखार, खांसी, जुकाम, चकत्ते या एलर्जी) के लक्षण दिखाने वाले किसी भी छात्र को स्कूल नहीं भेजा जाना चाहिए। माता-पिता को तत्काल चिकित्सा देखभाल लेने की सलाह दी जानी चाहिए। वर्तमान कोविड वेरिएंट अलर्ट के संदर्भ में अतिरिक्त देखभाल के साथ इस नीति को सुदृढ़ करें।नए वेरिएंट से जुड़ी असत्यापित या सनसनीखेज खबरें फैलाने से बचें। स्वास्थ्य अधिकारियों से मिलने वाली आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें।
सभी प्रधानाध्यापिकाओं, प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को सलाह दी जाती है कि वे बच्चों को व्यक्तिगत स्वच्छता प्रथाओं के बारे में शिक्षित करें। नियमित रूप से हाथ धोना, साफ-सुथरी कक्षाएं और अच्छी तरह हवादार जगह सुनिश्चित करें। छात्रों को खांसते या छींकते समय अपना मुंह और नाक ढकने के लिए प्रोत्साहित करें।यदि कोई बच्चा स्कूल के समय में बीमार हो जाता है तो उसे सुरक्षित, निगरानी वाले स्थान पर अलग रखें। यदि आवश्यक हो तो बुनियादी प्राथमिक उपचार दें। माता-पिता को तुरंत सूचित करें और उन्हें बिना देरी किए चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दें।
स्कूलों को उन छात्रों को कक्षाओं में आने की अनुमति नहीं देनी चाहिए जो दवा ले रहे हैं या बीमारी से उबर रहे हैं। माता-पिता को शिक्षित करें कि सभी बच्चों का स्वास्थ्य उपस्थिति रिकॉर्ड से ज्यादा महत्वपूर्ण है।शशिकुमार ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मौजूदा कोविड वेरिएंट पर नजर रखी जा रही है और आवश्यक स्वास्थ्य प्रणालियां मौजूद हैं। जो बच्चे स्वस्थ हैं और जिनमें कोई लक्षण नहीं है, वे सुरक्षित रूप से स्कूल जा सकते हैं।