कुछ चिकित्सकों के अनुसार कोविड Covid अब वायरल संक्रमण के नियमित चक्र का हिस्सा बन गया है और यह मौसमी फ्लू की तरह व्यवहार करेगा। उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। जेएन.1 वेरिएंट 2024 में दुनिया भर में कोविड के मामलों में उछाल का कारण बना था, लेकिन इसने भारत को इतना प्रभावित नहीं किया था। वर्तमान में प्रसारित होने वाले वेरिएंट जेएन.1 के वंशज हैं। इस स्ट्रेन के कारण अस्पताल में भर्ती होने की कम आवश्यकता होती है और संक्रमित 3-4 दिनों में ठीक हो जाते हैं।
निमोनिया के मामले नहीं पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रवींद्र मेहता ने कहा, यह ऊपरी श्वसन पथ का सामान्य संक्रमण प्रतीत होता है। ये संक्रमण हल्के लगते हैं और इनका इलाज ऐसे ही किया जाना चाहिए। हमने अभी तक कोविड निमोनिया के कोई मामले नहीं देखे हैं। ज्यादातर लोगों को सहायक देखभाल के अलावा इलाज की जरूरत नहीं होती। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और खास तौर पर इम्यूनोसप्रेस्ड लोगों को एहतियातन सावधानी बरतनी चाहिए। मास्क का उपयोग और हाथों की स्वच्छता संक्रमण के खतरे को कई गुना कम कर सकती है।
संक्रमण एक, लक्षण अनेक इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद सुहैल ने बताया कि कोविड-19 के लक्षण सिर्फ खांसी, बुखार या थूक बनने तक सीमित नहीं हैं। कई मरीजों को पहले के कोविड स्ट्रेन के सामान्य लक्षणों जैसे स्वाद और गंध का न आना आदि के अलावा दस्त, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या खराश भी हो सकती है।
क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. अजित कुमार के अनुसार नाक बंद होना, गले में खराश, दस्त, ठंड लगना और यहां तक कि हल्का सिरदर्द आदि कोविड के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। कुछ मरीजों को केवल गले में हल्का दर्द हो सकता है जबकि अन्य में तेज बुखार, अत्यधिक थकान और निर्जलीकरण जैसे गंभीर लक्षण विकसित हो सकते हैं। दस्त या पतले मल जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी लक्षणों को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। नए वेरिएंट सामने आते रहते हैं। इसलिए घबराने नहीं, सतर्क और तैयार रहने की जरूरत है।