उन्होंने कहा कि उप वन संरक्षक से पेड़ों को काटने की अनुमति देने की शक्ति वापस ले लेनी चाहिए। वन संरक्षक या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।
भविष्य में किसी शहर या कस्बे के 5 किलोमीटर के दायरे में 10 साल से अधिक पुराने पेड़ों को काटने के लिए वृक्ष प्राधिकरण की अनुमति लेना अनिवार्य किया जाना चाहिए। अधिनियम में संशोधन करके यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गोमल भूमि सहित सभी भूमि प्राधिकरण के दायरे में लाई जाए।
पर्यावरणविदों ने चामुंडी पहाड़ियों और कुक्करहल्ली झील आदि के आसपास हरित क्षेत्र घोषित करने तथा इन प्राकृतिक पारिस्थितिकी प्रणालियों से 2 किमी से 5 किमी के दायरे में वृक्षों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की।