इसके अलावा दक्षिण में चल रहे परिसीमन विवाद पर भी संघ का बयान सामने आया है। RSS के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि ‘परिसीमन’ को लेकर अनावश्यक आशंका जाहिर की जा रही है। उन्होंने कहा, समाज में सबको लेकर चलने की बात करनी चाहिए और अविश्वास खड़ा करने से बचना चाहिए।
कनार्टक के राजधानी बेंगलूरु में आरएसएस के प्रतिनिधि मंडल बैठक का आज दूसरा दिन है। मंथन के बाद संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर बांग्लादेश, परिसीमन जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी।
सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि इसको (परिसीमन) लेकर अनावश्यक आशंका जाहिर की जा रही है। समाज में सबको लेकर चलने की बात करनी चाहिए। अविश्वास खड़ा करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिलिमिटेशन के लिए एक्ट आता है। पहले परिसीमन एक्ट 1979 बना। उसके बाद परिसीमन एक्ट 2002 आया। उसके बाद परिसीमन को फ्रीज कर दिया गया। तो सवाल ये कि अभी कोई नया एक्ट आया क्या?
उन्होंने कहा जो लोग अभी इस मुद्दे को उठा रहे हैं, उनसे पूछिए कि परिसीमन से पहले जनसंख्या गणना होती है। उसके बाद परिसीमन एक्ट आता है। जब ऐसा कुछ हुआ भी नहीं है फिर वो इस मुद्दे को लेकर क्यों आगे बढ़ रहे हैं? जो लोग परिसीमन को मुद्दा बना रहे हैं, उन्हें इंट्रोइंस्पेक्शन करना चाहिए कि क्या जो वो कर रहे हैं वो सही है?
बांग्लादेश पर प्रस्ताव पास
प्रतिनिधि मंडल की बैठक में बांग्लादेश को लेकर प्रस्ताव भी पास हुआ है। सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि आरएसएस अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने प्रस्ताव पारित कर बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एक जुटता से खड़े रहने का आह्वान किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। प्रतिनिधि सभा की बैठक में यूनाइटेड नेशन के दखल की मांग की गई।