राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों और सभी जिला पंचायतों के सीईओ के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बारिश प्रभावित क्षेत्रों का तुरंत दौरा करें और प्रभावित लोगों को आवश्यक मुआवजा प्रदान करें। बारिश से हुए नुकसान के लिए मुआवजा देने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। जिलों में एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन कोष) के तहत 1000 करोड़ रुपए से अधिक उपलब्ध हैं। भारी बारिश से घरों को नुकसान पहुंचने पर मुआवजा देने के लिए दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। तुरंत मुआवजा दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन स्थानों पर भूस्खलन की संभावना है, वहां लोगों को निकालने सहित एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए ताकि मौत की आशंका नहीं रहे। यदि बारिश के कारण घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो तत्काल 1.20 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। उन्होंने उपायुक्तों से कहा कि वे पिछले साल की तरह इस बार भी ऐसे लोगों को नए घर उपलब्ध कराएं जिनके मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। विभिन्न योजनाओं के तहत घरों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान की जानी चाहिए। बाढ़ आपदा से निपटने के लिए सभी ग्राम पंचायत स्तरों पर विभिन्न विभागों को मिलाकर एक टास्क फोर्स बनाई गई है। उन्हें समन्वय के काम करते हुए एहतियाती कदम उठाने चाहिए।
बेंगलूरु शहर में बारिश के संबंध में एहतियाती उपाय पर उन्होंने कहा, निचले इलाकों और जलभराव वाले क्षेत्रों के बारे में पहले से जानकारी है। अधिकारियों को सक्रियता दिखानी चाहिए और अस्थायी उपायों के साथ तैयार रहना चाहिए। इन इलाकों में स्थायी समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं।
किसी भी आपात स्थिति से निपटने को तैयार: शिवकुमार
इस बीच उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि भारी बारिश से पैदा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। शिवकुमार ने स्थिति को संभालने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी और कहा कि सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। राज्य के मंत्री स्थिति पर नजर रखने के लिए अपने-अपने मुख्यालय में रहेंगे।