scriptराज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया नगर निगमों के चुनाव 15 अगस्त के बाद ही कराना संभव | The state government told the Supreme Court that municipal elections can be held only after August 15 | Patrika News
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राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया नगर निगमों के चुनाव 15 अगस्त के बाद ही कराना संभव

कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि प्रस्तावित ग्रेटर बेंगलूरु गवर्नेंस बिल, 2024 के पारित होने के बाद बेंगलूरु में नवगठित नगर निगमों के चुनाव 15 अगस्त, 2025 के बाद ही हो सकते हैं।

बैंगलोरFeb 23, 2025 / 10:24 pm

Sanjay Kumar Kareer

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बेंगलूरु. कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि प्रस्तावित ग्रेटर बेंगलूरु गवर्नेंस बिल, 2024 के पारित होने के बाद बेंगलूरु में नवगठित नगर निगमों के चुनाव 15 अगस्त, 2025 के बाद ही हो सकते हैं। एक हलफनामे में, राज्य सरकार ने शहर के नगरीीय निकायों के चुनाव कराने में प्रस्तावित कार्रवाइयों का विवरण दिया।
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के लिए चुनाव कराने से संबंधित मामले पर सुनवाई करने वाला है। बीबीएमपी की निर्वाचित परि‍षद का कार्यकाल 10 सितंबर, 2020 को समाप्त हो गया था।
18 दिसंबर, 2020 को, शीर्ष अदालत ने बेंगलूरु को नियंत्रित करने के लिए पारित कर्नाटक नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2020 के तहत अनिवार्य 243 के बजाय 198 वार्डों में बीबीएमपी चुनाव कराने के उच्च न्यायालय के आदेश के संचालन को निलंबित कर दिया था।
अपने लिखित जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि संशोधित ग्रेटर बेंगलूरु गवर्नेंस बिल, 2024 को आगामी बजट सत्र में राज्य विधानमंडल के समक्ष रखे जाने की उम्मीद है, जो मार्च 2025 के पहले सप्ताह से शुरू होने वाला है।
सरकार ने यह बात यह मानते हुए कही है कि विधान सभा और विधान परिषद इस विधेयक को मंजूरी दे देंगी और राज्यपाल 31 मार्च, 2025 तक अपनी सहमति दे देते हैं, तो ग्रेटर बेंगलूरु गवर्नेंस एक्ट को तुरंत राजपत्रित किया जाएगा।
प्रस्तावित अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, राज्य सरकार को एक अधिसूचना द्वारा बेंगलूरु शहर के बड़े शहरी क्षेत्र और सरकार द्वारा निर्दिष्ट ऐसे अन्य क्षेत्रों को ग्रेटर बेंगलूरु क्षेत्र के रूप में घोषित करना होगा।
इसके अलावा, राज्यपाल को किसी भी क्षेत्र की जनसंख्या, जनसंख्या का घनत्व, उत्पन्न राजस्व, गैर-कृषि गतिविधियों में रोजगार का प्रतिशत, आर्थिक महत्व, क्षेत्र में उपलब्ध बुनियादी ढाँचा प्रावधान और ऐसे अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए इतनी संख्या में नगर निगम स्थापित करने होंगे।
जवाब में कहा गया है चूंकि इन अधिसूचनाओं को आम जनता से सुझाव या आपत्तियां प्राप्त करने के बाद ही अंतिम रूप दिया जा सकता है, इसलिए यह माना जा सकता है कि ये दायित्व 45 दिनों की अवधि यानी 15 मई, 2025 तक पूरे हो जाएंगे।

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