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बैंगलोर

परेशानी से बचने के लिए मन को समझें और संभालें

सकल जैन संघ, मंजुनाथनगर के की ओर से आयोजित कार्यक्रम में समणी डॉ. सुयशनिधि ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अपने मन को समझना और उसे संभालना चाहिए। इससे परेशानियों से बचा जा सकता है। मन बड़ा ही चंचल होता है। मन की डोर को कसकर रखने से ही असीमित इच्छाओं को बढ़ने से रोका […]

बैंगलोरDec 20, 2024 / 08:13 pm

Bandana Kumari

सकल जैन संघ, मंजुनाथनगर के की ओर से आयोजित कार्यक्रम में समणी डॉ. सुयशनिधि ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अपने मन को समझना और उसे संभालना चाहिए। इससे परेशानियों से बचा जा सकता है। मन बड़ा ही चंचल होता है। मन की डोर को कसकर रखने से ही असीमित इच्छाओं को बढ़ने से रोका जा सकता है। जो अपने मन को सीमित इच्छाओं में संतुष्ट होने को मना लेता है, उसका जीवन सफल हो जाता है।उन्होंने कहा कि मन हमारे विचारों, भावनाओं और कर्मों का केंद्र है। हमारे दैनिक जीवन में मन का प्रभाव इतना गहरा होता है कि यह हमारे स्वास्थ्य, संबंधों और सफलता को प्रभावित करता है। मन के खुश व दुखी रहने का असर मानव के जीवन व दिनचर्या पर पड़ता है।
अपनी सोच सकारात्मक रखनी चाहिए

मन को नियंत्रण में रखने से बिगड़े काम को बनाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याएं तेजी से बढ़ने का मुख्य कारण अपने मन की देखभाल पर ध्यान नहीं देना है। मन को स्वस्थ रखने के लिए ध्यान, आत्मचिंतन और सकारात्मक वातावरण की जरूरत होती है। कोई भी कार्य करने से पहले अपने मन की आवाज एक बार सुनने का प्रयास करना चाहिए। हमेशा अपनी सोच सकारात्मक रखनी चाहिए। उन्होंने 26 से 30 दिसंबर तक जेपीपी जैन समणी सेंटर, एल.एन.पुरम में आयोजित ले डॉ. पदमचंद्र के जैन अणुप्पेहा ध्यान योग साधना शिविर में भाग लेने की प्रेरणा दी। इस मौके पर संघ अध्यक्ष उत्तमचंद आच्छा, मंत्री राकेश दलाल, प्रचार मंत्री अंकित आच्छा आदि मौजूद थे।

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