विरोधी खेमे को मानो हथियार मिल गया
राजस्थान में पार्टी के पास 4 विधायक और एक सांसद हैं। बीएपी पिछले कुछ समय से तेजी से अपना जनाधार बढ़ा रही है। आगामी दिनों में होने वाले स्थानीय निकाय और पंचायत राज चुनाव में भी पार्टी दमदार प्रदर्शन की उम्मीद और रणनीति लेकर आगे बढ़ रही थी, लेकिन विरोधी खेमे को मानो एक हथियार मिल गया है।क्या कांग्रेस को होगा फायदा?
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि अगर बीएपी के वोटबैंक पर इसका असर आया, तो फायदा कांग्रेस को हो सकता है। कांग्रेस किसी भी तरह के गठबंधन की स्थिति में अपनी शर्तें मनवाने की स्थिति में रह सकती है। हालांकि भाजपा नेता कहते रहे हैं कि मुख्य मुकाबला भाजपा-बीएपी में ही है।क्या होगा आगे?
भाजपा यह मौका छोड़ना नहीं चाहेगी। अगर आरोप साबित हुए तो भाजपा के लिए स्थायी चुनावी मुद्दा बन जाएगा। लोकसभा चुनाव के बाद बीएपी के प्रभाव के कारण सिमटती जा रही कांग्रेस को थोड़ी ऑक्सीजन मिल सकती है। कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए आक्रामक मुद्रा में आकर मुकाबला त्रिकोणीय बना सकती है।शिक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए, विधायिकी के 11 माह में ही रिश्वत मामले में फंसे विधायक जयकृष्ण पटेल
जानें किसने क्या कहा
कानून को अपना काम करना चाहिए। इस मामले में जांच एजेंसी को जल्द से जल्द दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह साजिश नहीं है। हो सकता है, ऐसा हुआ हो।-अर्जुन सिंह बामनिया, कांग्रेस विधायक, बांसवाड़ा
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पूरे समाज को कलंकित किया
बागीदौरा विधायक के रिश्वत लेने के मामले ने पूरे आदिवासी समाज को कलंकित कर दिया। यह किसी पार्टी का नहीं, पूरे आदिवासी समाज का मामला है। पूरे देश में आदिवासी बेइज्जत हुआ है। एक आदिवासी विधायक इतना गिर गया कि अपने क्षेत्र को छोडक़र दूसरे जिले और क्षेत्र में अवैध वसूली जैसे कांड कर रहा है। इनको समाज की कतई चिंता नहीं है। इनको तो अपना घर ही दिखाई देता है। कांग्रेस शासन में जब ये सत्ता में थे, तो कौन सा काम आदिवासी समाज के लिए किया था।-कैलाश मीणा, भाजपा विधायक, गढ़ी