सट्टे की सूचना पर दबिश, सामने आई नकली खाद्य सामग्री फैक्ट्री
एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली थी कि गंगापुर इलाके में जुए और सट्टे का कारोबार चल रहा है। इस पर बारादरी इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय और एसएसआई रोहित शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने छापेमारी की। जैसे ही पुलिस पहुंची, वहां मौजूद जुआरी भागने लगे। इसी दौरान जुए का संचालन कर रहा हिस्ट्रीशीटर चंदलाल भी मौके से फरार हो गया। पुलिस ने उसका पीछा किया, लेकिन वह एक गोदाम के रास्ते निकल गया। जब पुलिस ने गोदाम की जांच की, तो वहां अवैध रूप से नकली सॉस और सिरका तैयार किया जा रहा था।
फास्ट फूड विक्रेताओं को बेचा जा रहा था नकली सॉस
स्थानीय लोगों से पूछताछ में सामने आया कि यह अवैध फैक्ट्री चंदलाल की ही थी, जहां से नकली टोमैटो सॉस, ग्रीन चिली सॉस, सिरका और सोया सॉस का उत्पादन किया जाता था। फैक्ट्री में 5100 से अधिक बोतलें भरी हुई पाई गईं, जिन्हें बेहद सस्ते दामों में शहर के कई फास्ट फूड विक्रेताओं को बेचा जाता था।
नंदिनी फूड प्रोडक्ट’ के नाम से मिले दस्तावेज
रात में खाद्य सुरक्षा विभाग (एफएसडीए) की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की और कई सैंपल इकट्ठा किए। तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज बरामद हुए, जिनमें यह फैक्ट्री रंजीत नामक व्यक्ति के नाम से ‘नंदिनी फूड प्रोडक्ट’ के रूप में पंजीकृत पाई गई। अब अधिकारी यह जांच कर रहे हैं कि यह दस्तावेज असली हैं या फर्जीवाड़े के तहत बनाए गए हैं।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने लिए सैंपल, जांच के बाद होगी कार्रवाई
एफएसडीए के सहायक आयुक्त द्वितीय अपूर्व श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में टीम ने वहां से सॉस और केमिकल के आठ सैंपल इकट्ठा किए हैं। सभी सैंपलों को जांच के लिए लैब भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नकली सॉस से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राहुल बाजपेई के अनुसार, नकली और केमिकल युक्त सॉस सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इसमें सोडियम, मोनोसोडियम ग्लूटामेट, फाइटेट और उच्च मात्रा में शुगर मिलाई जाती है, जो एसिडिटी, सीने में जलन, अल्सर, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को जन्म दे सकती है। यदि लंबे समय तक इसका सेवन किया जाए, तो किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है और स्टोन बनने की संभावना भी रहती है।