फर्जी दस्तावेज बनाकर किया करोड़ों का घोटाला
किला में साहूकारा के रहने वाले नंद इंफ्रा डेवलपर्स के मैनेजर कपिल कुमार अग्रवाल ने बताया कि 9 जून 2021 और 18 जून 2021 को पंजीकृत बैनामा के आधार पर वह बालीपुर अहमदपुर बिथरीचैनपुर स्थित ज़मीन के मालिक है। वर्तमान खतौनी में भी उसका नाम संक्रमणीय भूमिधर के रूप में दर्ज है। इसके बावजूद, अमित सिंह ने 28 जनवरी 1992 की फर्जी अपंजीकृत वसीयत तैयार कराई और इसे आधार बनाकर 3 दिसंबर 2022 और 21 दिसंबर 2022 को शमी चंद्रा, रूचि चंद्रा और निधि अग्रवाल से अपने पक्ष में ज़मीन का बैनामा निष्पादित करा लिया।
फर्जी बैनामे के जरिए कई लोगों को बेची गई ज़मीन
अमित सिंह वर्तमान में जेल में है। रिटायर्ड लेखपाल सावन कुमार जायसवाल से मिलकर गैंग ने बरेली जिले की कई जमीनों में धोखाधड़ी की। इसके बाद बरेली के तेज तर्रार एसएसपी अनुराग आर्य और एसपी सिटी मानुष पारीक ने गैंग का खुलासा कर धोखाधड़ी करने वालों को जेल भेज दिया था। आरोपियों के फर्जीबाड़े के सिलसिले में अब एक और कड़ी जुड़ गई है। इसमें बिना किसी कानूनी अधिकार के धोखेबाजों ने ज़मीन का फर्जी बैनामा तैयार कर संजय ट्रांसपोर्टर के भाई और रियल इस्टेट कारोबारी विजय कुमार अग्रवाल, उसके मैनेजर कार्तिक त्रिपाठी, उनके बेटे रितेश अग्रवाल और भतीजे मोहित अग्रवाल के नाम भी ज़मीन ट्रांसफर कर दी। ये सभी लोग जमीनों में फर्जीवाड़ा कर विवाद उत्पन्न करने और सस्ते दामों में ज़मीन खरीदने वाले गिरोह का हिस्सा हैं।
पहले भी दर्ज हो चुके हैं मुकदमे
अमित सिंह और उसके सहयोगियों पर पहले भी जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े के कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। पीड़ित पक्ष ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की थी, जिसके आधार पर एसएसपी ने जांच कराकर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। पीड़ित का कहना है कि वह व्यक्तिगत कार्य से शहर से बाहर था और लौटने के बाद उसने थाने में आकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घोटाले में शामिल सभी आरोपियों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।