बरेली के शिव मंदिरों में सावन के पहले सोमवार को आस्था की गंगा बही और पूरा शहर भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठा। किला स्थित अलखनाथ मंदिर में सबसे पहले जलाभिषेक की शुरुआत हुई। मंदिर के महंत कालू गिरि महाराज ने बताया कि भीड़ की सुचारू व्यवस्था के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास मार्ग बनाए गए हैं। सोमवार तड़के से मंदिर परिसर में शिवभक्तों की लंबी कतारें लग गईं, और चारों ओर ‘बम-बम भोले’ की गूंज सुनाई देने लगी।
त्रिवटीनाथ-वनखंडीनाथ मंदिर: भोर में महाआरती के साथ शुरू हुआ अभिषेक
प्रेमनगर के बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर में सुबह चार बजे महाआरती के बाद जलाभिषेक शुरू हुआ। मीडिया प्रभारी संजीव औतार अग्रवाल ने बताया कि मंदिर पहुंचने के लिए धर्मकांटा चौराहा मार्ग को सुगम बनाया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग द्वार बनाए गए हैं। जोगी नवादा स्थित बाबा वनखंडीनाथ मंदिर में शुक्रवार को कछला गए कांवड़िये सोमवार सुबह जलाभिषेक के लिए पहुंचे। मंदिर प्रशासन ने कांवड़ियों के लिए अलग लाइन की व्यवस्था की थी। पीलीभीत रोड होते हुए मंदिर तक पहुंचने की सुविधा उपलब्ध रही।
धोपेश्वरनाथ-तपेश्वरनाथ मंदिर: तड़के से ही लगी श्रद्धालुओं की भीड़
कैंट क्षेत्र के बाबा धोपेश्वरनाथ मंदिर में तड़के चार बजे आरती के साथ जलाभिषेक की शुरुआत हुई। मंदिर के पुजारी धनश्याम ने बताया कि भक्त रात से ही कतार में खड़े होकर मंदिर खुलने का इंतजार कर रहे थे। सदर बाजार कैंट मार्ग से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। सुभाषनगर स्थित तपेश्वरनाथ मंदिर में सुबह तीन बजे से ही श्रद्धालु जल चढ़ाने के लिए पहुंचने लगे। पुजारी विशन लाल ने बताया कि न केवल कांवड़िए, बल्कि स्थानीय भक्त भी बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचे। सुभाषनगर पुलिया और बदायूं रोड मार्ग से मंदिर तक पहुंचना आसान रहा।
मढ़ीनाथ-पशुपतिनाथ मंदिर: सजी मंदिर की रंग-बिरंगी छटा
मढ़ीनाथ मंदिर में भी सोमवार तड़के से जलाभिषेक का सिलसिला जारी रहा। मंदिर के पुजारी धर्मेंद्र गिरि के अनुसार, मंदिर परिसर को झालरों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। श्रद्धालु मढ़ीनाथ पुल और बदायूं रोड होते हुए मंदिर तक पहुंचे। पीलीभीत रोड स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में सोमवार सुबह महाआरती के बाद जलाभिषेक शुरू हुआ। मंदिर तक पहुंचने के लिए सेटेलाइट बस स्टैंड से ऑटो की सुविधा उपलब्ध रही। मुख्य मार्ग से मंदिर लगभग 150 मीटर अंदर स्थित है।