बैठक में जल निगम (ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता ने जानकारी दी कि जिले में अब तक 395 ओवरहेड टैंक का निर्माण पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा 15 टैंक ऐसे हैं, जो पूरी तरह तैयार हैं लेकिन इन पर फिलहाल काम रोका गया है क्योंकि थर्ड पार्टी के माध्यम से उनकी गुणवत्ता जांच कराई जा रही है।
डीएम ने निर्देश दिए कि जिन गांवों में योजना के तहत काम पूरा हो चुका है, उनकी सूची तत्काल उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी मौके पर जाकर इन कार्यों की भौतिक सत्यापन करें और सुनिश्चित करें कि वास्तव में लोगों को इसका लाभ मिल रहा है या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन टैंकों का काम 90 प्रतिशत से अधिक हो चुका है, वहां श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर जल्द से जल्द काम पूरा कराया जाए। उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देने को कहा।
बैठक में जल सखी योजना की भी समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि जिले की सभी ग्राम पंचायतों में 9,390 जल सखियां तैनात की गई हैं। डीएम ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर इतने लोग नियुक्त हैं तो उनके मानदेय का भुगतान समय से क्यों नहीं हो रहा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जल सखियों को उनका बकाया मानदेय शीघ्रता से दिया जाए।
इसके अलावा, डीएम ने कार्यदायी संस्थाओं से तैनात ऑपरेटरों की सूची भी मांगी ताकि व्यवस्थाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। बैठक में जिला विकास अधिकारी, जल निगम और जल जीवन मिशन से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। डीएम ने अंत में दो टूक कहा काम में ढिलाई या लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी, हर घर तक जल पहुंचे, यह हम सबकी प्राथमिकता है।”