एफसीआई अधिकारी बनकर करता था फर्जीवाड़ा
एसटीएफ के मुताबिक, नजाहिर हुसैन मूलरूप से बरेली जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के अभयराजपुर गांव का निवासी है और दक्षिणी दिल्ली के पूर्वी कैलाश में रह रहा था। आरोपी ने ठगी के लिए अरविंद चौहान और सागर खंडेलवाल के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवा रखे थे। खुद को एफसीआई का वरिष्ठ अधिकारी बताकर वह व्यापारियों को टेंडर दिलाने का लालच देता था।ऐसे रची थी 140 करोड़ के टेंडर की ठगी
पुलिस जांच में सामने आया कि नजाहिर ने सितंबर 2024 में एफसीआई के एम-वैल्यू जंक्शन पोर्टल पर पंजीकरण कराने और चावल व अनाज उठान का 140 करोड़ रुपये का टेंडर दिलाने का वादा किया था। पीड़ित खुर्रमनगर निवासी कारोबारी रफत मुईन और जियाउद्दीन से कई किश्तों में चार करोड़ रुपये वसूल लिए। इस दौरान आरोपी ने एफसीआई निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर वाले दस्तावेज, फर्जी बैंक ड्राफ्ट और पहचान पत्र भी पेश किए थे ताकि पीड़ितों को विश्वास दिलाया जा सके।पहले भी कर चुका है ठगी, महाराष्ट्र में दर्ज है केस
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि नजाहिर हुसैन और उसके साथियों ने वर्ष 2023 में महाराष्ट्र के ठाणे जिले के काशीमीरा थाना क्षेत्र में 40 लाख रुपये की ठगी की थी। उस मामले में आरोपी दो माह जेल में भी रहा है।गिरफ्तारी ऐसे बनी संभव
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एफसीआई में टेंडर दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाला आरोपी विनीतखंड स्थित पुलिस मॉडर्न स्कूल के पास किसी से मिलने आने वाला है।एसटीएफ ने घेराबंदी कर उसे मौके से गिरफ्तार कर लिया।