नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य के निर्देश पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र ने जोनल प्रभारियों को कार्रवाई के लिए रवाना किया। जोन-2 में कर अधीक्षक मुन्ना राम के नेतृत्व में टीम ने मोहल्ला कहरवान, दर्जी चौक, प्रेमनगर, बांसमंडी समेत अन्य स्थानों पर 14 भवन सील कर दिए। नगर निगम की इस कार्रवाई से व्यापारियों में हड़कंप मच गया। जब लोग अपने प्रतिष्ठानों पर पहुंचे और सील लगी देखी, तो वे हैरान रह गए। इसके बाद कई बकायेदार नगर निगम पहुंचकर बकाया जमा कराने लगे।
इन बड़े बकायेदारों पर इतना बकाया
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र के अनुसार, जोन-4 में कई बड़े बकायेदारों पर लाखों रुपये का संपत्ति कर बकाया है, जिनमें प्रमुख नाम शामिल हैं। जिसमें इंद्रा नगर आवास विकास परिषद के एक्सईएन: 2.12 लाख, ममता खंडेलवाल: 1.77 लाख, मलती वर्मा: 1.70 लाख, जय जयराम: 4.95 लाख, खादी ग्रामोद्योग सेवा आश्रम: 2.32 लाख, राजेन्द्र नगर जगन्नाथ खट्टर: 3.68 लाख, राजेन्द्रनगर आवास विकास परिषद के एक्सईएन: 1.14 लाख बकाया हैं।
इन बकायेदारों के बैंक खाते होंगे सील
सीटीओ प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि स्टेट बैंक की शाखा प्रबंधक को पत्र भेजा गया है, जिसमें दो प्रमुख मामलों में खाते सील करने के निर्देश दिए गए हैं कि कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव पर 1.34 करोड़ से अधिक का संपत्ति कर बकाया है, इसलिए उनके बैंक खाते को सील कर बकाया टैक्स वसूलने का निर्देश दिया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक पर 1.13 लाख का कर बकाया है, जिसके चलते उनके खाते को भी सील करने का आदेश दिया गया है। नगर निगम ने साफ कर दिया है कि बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी और जल्द ही अन्य बड़ी वसूली भी की जाएगी। यदि समय पर कर जमा नहीं किया गया, तो कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी।