डेढ़ साल बाद भी प्रगति मात्र 5%: महापौर ने जताई कड़ी नाराजगी
नगर निगम द्वारा 2.88 करोड़ रुपये की लागत से डेलापीर तालाब का सौंदर्यकरण किया जा रहा है, जिसमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), पाथवे, पौधारोपण और अन्य विकास कार्य किए जाने हैं। इस परियोजना को डेढ़ वर्ष पूर्व स्वीकृति मिली थी, लेकिन अब तक कार्य की प्रगति मात्र 5% ही हो पाई है। इस देरी को गंभीरता से लेते हुए महापौर ने अभियंताओं को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और जो भी इसमें बाधा डालेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
भूमि विवाद बना रोड़ा, महापौर ने दिए समाधान के निर्देश
अभियंताओं ने बताया कि तालाब से लगी कई जमीनों पर विवाद चल रहा है, और कुछ मामले अदालत में विचाराधीन हैं। महापौर ने निर्देश दिए कि इन विवादित भूखंडों को चिह्नित किया जाए और जहां कोई कानूनी अड़चन नहीं है, वहां तुरंत निर्माण कार्य शुरू कराया जाए। उन्होंने मुख्य अभियंता को व्यक्तिगत रूप से प्रगति की निगरानी करने का आदेश दिया और कहा कि निर्माण कार्यों में अब किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए।
अवैध हस्तक्षेप करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
निरीक्षण के दौरान अभियंताओं ने शिकायत की कि कुछ लोग जानबूझकर निर्माण कार्य में बाधा डाल रहे हैं। इनमें से एक व्यक्ति खुद को खेल विभाग का अधिकारी बताकर कार्य रोकने का प्रयास कर रहा है। इस पर महापौर ने सख्त लहजे में कहा कि “चाहे कोई भी हो, यदि कोई सौंदर्यकरण कार्य में रुकावट डालेगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि ऐसे तत्वों की पहचान कर उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाए।
डेलापीर तालाब को मिलेगा नया स्वरूप
नगर निगम आदिनाथ चौराहे के समीप स्थित डेलापीर तालाब का भव्य सौंदर्यकरण कर रहा है। इसके तहत पांच एमएलडी का एसटीपी लगाया जाएगा, जिससे तालाब के जल की शुद्धता सुनिश्चित होगी। इसके अलावा, तालाब के चारों ओर सुंदर पाथवे बनाया जाएगा, हरियाली बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा और तालाब को एक आकर्षक स्वरूप दिया जाएगा।
भूमि विवाद पर विशेष निर्देश
महापौर ने आदेश दिया कि एक हजार वर्गमीटर से अधिक विवादित भूमि को चिह्नित कर उसकी सूची तैयार की जाए, ताकि शेष हिस्से पर निर्माण कार्य में कोई विलंब न हो। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि काम की गति तेज करें और परियोजना को तय समयसीमा में पूरा करें।
निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिकारी
निरीक्षण के दौरान महापौर डॉ. उमेश गौतम, नगर निगम उपसभापति सर्वेश रस्तोगी और निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। महापौर ने स्पष्ट किया कि नगर निगम किसी भी हाल में सौंदर्यकरण कार्य को बाधित नहीं होने देगा और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।