नाथ नगरी के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व पर प्रकाश
इस कॉफी टेबल बुक में नाथ मंदिरों, सूफी दरगाहों और ऐतिहासिक स्थलों को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। इसमें रोहिला शासन, दरगाह आला हजरत, खानकाह-ए-नियाजिया, और अन्य प्रमुख दरगाहों का भी उल्लेख किया गया है। महाभारत, मौर्य और गुप्तकाल की घटनाओं का भी जिक्र किया गया है। बरेली की स्थापना और जिला बनने के इतिहास को विस्तार से बताया गया है। इस पुस्तक को नगर निगम, बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) समेत कई विभागों को भेजा गया है ताकि इसे पर्यटन को बढ़ावा देने में इस्तेमाल किया जा सके। बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए के अनुसार, बरेली को इस तरह विकसित किया जा रहा है कि यह आने वाले समय में पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सके।
कॉफी टेबल बुक में क्या खास है?
इस पुस्तक में बरेली के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का विस्तृत वर्णन है, जिनमें शामिल हैं: प्रमुख धार्मिक स्थल महाभारतकालीन पांचाल प्रदेश 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की तपोस्थली – अहिच्छत्र पार्श्वनाथ मंदिर, नानकपुरी टांडा गुरुद्वारा रोहिला शासक हाफिज रहमत खां का मकबरा आला हजरत इमाम अहमद रजा खां की दरगाह खानकाह-ए-आलिया नियाजिया, आंवला की बेगम मस्जिद तुलसी मठ, धोपेश्वरनाथ, तपेश्वरनाथ, मढ़ीनाथ, अलखनाथ, त्रिवटीनाथ, वनखंडीनाथ और पशुपतिनाथ मंदिर
हरि मंदिर और लक्ष्मीनारायण मंदिर फ्रीविल बैप्टिस्ट चर्च, क्राइस्ट मेथोडिस्ट चर्च, सेंट स्टीफेंस चर्च
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल
बरेली छावनी और पांचाल संग्रहालय फारसी, उर्दू, संस्कृत और हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और कवि हस्तशिल्प, पारंपरिक खान-पान और जैव विविधता
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
डीएम रविंद्र कुमार के अनुसार, इस कॉफी टेबल बुक का उद्देश्य बरेली के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को देश-दुनिया तक पहुंचाना है। कई बाहरी लोगों को जिले के पर्यटन स्थलों की जानकारी नहीं होती, इसलिए इस पुस्तक में सभी स्थलों को एक जगह समेटा गया है। पर्यटन बढ़ेगा तो रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इस बुक को भारत की सभी प्रमुख यूनिवर्सिटीज, आईआईटी, आईआईएम, एम्स की लाइब्रेरियों में भेजा गया है। इसके अलावा, भारत सरकार के प्रमुख विभागों को भी यह पुस्तक उपलब्ध कराई गई है ताकि बरेली को राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया जा सके।