रविवार आधी रात प्रवीन सक्सेना और उसके दामाद छोटू ने अपने साथियों के साथ मिलकर महेश यादव, भानु सक्सेना और राजकुमार कन्नौजिया के घरों पर पथराव किया था। आरोपियों ने जमकर ईंट और पत्थर बरसाए, जिससे महेश यादव और उनके बेटे गौरव यादव घायल हो गए। साथ ही, मौके पर हवाई फायरिंग भी की गई, जिससे मोहल्ले में दहशत फैल गई।
35 के खिलाफ मामला दर्ज, अधिकांश अब भी फरार
घटना के बाद पुलिस ने लगभग 35 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, अब तक सिर्फ दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो सकी है। बाकी आरोपी भूमिगत हो गए हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो कुछ फरार आरोपी स्थानीय नेताओं की शरण में हैं और समझौते के लिए दबाव बनाया जा रहा है। सीओ सिटी सेकेंड अजय कुमार ने स्पष्ट किया कि सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा। पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।
आरोपियों की राजनीतिक सरंक्षण की चर्चा
स्थानीय निवासी राजेंद्र कन्नौजिया का कहना है कि हमलावरों ने यह हमला पुराने विवाद को लेकर किया। प्रवीन सक्सेना को शक था कि राजेंद्र मनीष कन्नौजिया का पक्ष ले रहे हैं। इसी रंजिश के चलते हमला किया गया। घायल महेश यादव ने आरोप लगाया कि प्रवीन सक्सेना बिजली विभाग में केवल दिखावे के लिए मीटर रीडिंग का काम करता है, असल में वह पुलिस के लिए मुखबिरी करता है। उन्होंने दावा किया कि हमले के दौरान प्रवीन ने खुलेआम कहा पुलिस मेरी जेब में है जिससे क्षेत्र में लोगों का डर और भी बढ़ गया।
महिलाएं और बच्चे घरों में कैद
हिंसा के दौरान मोहल्ले की महिलाएं और बच्चे डर के कारण घरों में बंद हो गए थे। पुलिस की उपस्थिति के बावजूद लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। किला थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही सभी को हिरासत में लिया जाएगा।