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बरेली

एल्डिको कालोनी में 1260 वर्ग मीटर में झील, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रिंसिपल बेंच ने जारी किया आदेश, उड़े बिल्डर के होश

भोजीपुरा के पास एल्डिको कालोनी से तालाब को गायब करने के मामले में बिल्डर और राजस्व अधिकारी दोनों घिर गये हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने डीएम को विस्तृत जवाब दाखिल करने और याचिकाकर्ता को छह सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने माना कि बरेली के बिलवा स्थित गाटा संख्या 508 के राजस्व रिकॉर्ड में 1260 वर्ग मीटर क्षेत्र में तालाब (झील) के रूप में दर्ज है।

बरेलीFeb 06, 2025 / 07:42 pm

Avanish Pandey

बरेली। भोजीपुरा के पास एल्डिको कालोनी से तालाब को गायब करने के मामले में बिल्डर और राजस्व अधिकारी दोनों घिर गये हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने डीएम को विस्तृत जवाब दाखिल करने और याचिकाकर्ता को छह सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने माना कि बरेली के बिलवा स्थित गाटा संख्या 508 के राजस्व रिकॉर्ड में 1260 वर्ग मीटर क्षेत्र में तालाब (झील) के रूप में दर्ज है। भू माफिया एल्डिको संचालकों ने झील पर अवैध कब्जा कर निर्माण कर लिया। कोर्ट ने राजस्व अधिकारियों की मनमानी पर नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि एल्डिको बिल्डर से मिलकर तालाब के अस्तित्व को मिटाने की साजिश है। इसको लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दो अलग-अलग वाद (951/2024 और 745/2024) दर्ज किए गए हैं।

कोर्ट ने कहा कि प्रशासन की नाक के नीचे कैसे गायब हो गया तालाब

10 सितंबर 2024 को ली गई तस्वीरें और जीपीएस डेटा कोर्ट में संलग्न किया गया था। इसमें तालाब में पानी और घास साफ दिखाई दे रही है। इसके बाद जब 28 जनवरी 2025 को यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में दिखाया कि पूरा तालाब मिट्टी से भर दिया गया है। उसमें पानी का कोई अंश नहीं बचा है। यूपी पीसीबी की 25 सितंबर 2024 की पहली रिपोर्ट में तालाब की गहराई 1 से 3 फीट बताई गई थी, लेकिन 28 जनवरी 2025 की दूसरी रिपोर्ट में इसे पूरी तरह सूखा बताया गया है। ट्रिब्यूनल ने इस पर सवाल उठाया कि आखिर प्रशासन की नाक के नीचे तालाब कैसे गायब हो गया।

डीएम ने भी की अवैध निर्माण की पुष्टि

डीएम बरेली की ओर से 26 सितंबर 2024 को जवाब दाखिल कर स्वीकार किया कि गाटा संख्या 508, क्षेत्रफल 0.126 हेक्टेयर, (1260 वर्ग मीटर) राजस्व रिकॉर्ड में झील के रूप में दर्ज है। लेकिन वहां एल्डिको इंफ्राबिल्ड लिमिटेड द्वारा अस्थायी बाउंड्री वॉल बना दी गई है और उसमें निर्माण मलबा डंप किया गया है। तालाब, एल्डिको टाउनशिप के आधिकारिक नक्शे का हिस्सा नहीं है, न ही यह बरेली के वेटलैंड लिस्ट में शामिल है।

एल्डिको ने एफआईआर के बाद दिया जमीन विनिमय का प्रस्ताव

20 सितंबर 2024 को क्षेत्र के लेखपाल मोहम्मद बिलाल को निर्देश दिया गया कि वह एल्डिको इंफ्राबिल्ड लिमिटेड के स्थानीय प्रतिनिधि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। लेखपाल मोहम्मद बिलाल ने रिपोर्ट दर्ज तो की, लेकिन सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया, जिससे उनकी मंशा पर सवाल उठे। इसके बाद डीएम ने लेखपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद 20 सितंबर 2024 को संदीप चावला ने प्रशासन को एक प्रस्ताव भेजा कि झील की जमीन के बदले उनकी निजी जमीन को तालाब के रूप में विकसित किया जाए। यह प्रस्ताव अभी राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रक्रिया में है।

ट्रिब्यूनल ने उठाए गंभीर सवाल, जवाब दाखिल करेंगे डीएम

ट्रिब्यूनल ने सरकार से पूछा है कि किस कानून के तहत किसी प्राकृतिक जल निकाय को भरकर दूसरी जमीन से बदला जा सकता है। राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या किसी भी जल निकाय को मिटाकर दूसरी जगह स्थानांतरित करना कानूनी रूप से संभव है। अब इस मामले में डीएम बरेली को एफिडेविट के जरिए विस्तृत जवाब दाखिल करना होगा। वहीं, एल्डिको इंफ्राबिल्ड लिमिटेड द्वारा देर से जमा किए गए जवाब पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए याचिकाकर्ता को छह सप्ताह का समय दिया गया है। इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि किसकी मिलीभगत से तालाब गायब किया गया और अब इसे वैध ठहराने की कोशिश की जा रही है। ट्रिब्यूनल ने कड़ी नजर रखते हुए सरकार और निजी कंपनी दोनों से जवाब तलब किया है।

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