जनता को राहत देने के लिए लागू की गई वर्टिकल (फेसलेस) प्रणाली खुद असहाय साबित हो रही है। शिकायतों पर हेल्पडेस्क भी नाकाम साबित हो रही है—न तो फोन उठता है, और न ही समय पर कर्मचारी पहुंचते हैं। जेई और एसडीओ भी कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
शुक्रवार रात से शुरू हुआ बिजली संकट
शुक्रवार रात रामपुर बाग विद्युत उपकेंद्र की 33 केवी लाइन में फॉल्ट आने से सिविल लाइंस प्रथम, द्वितीय, तृतीय, शाहदाना और जगतपुर उपकेंद्र के सभी फीडर दो घंटे बंद रहे। इसी दौरान कटरा चांद खां में ट्रांसफार्मर का डीयू उड़ गया और आजाद नगर में केवल जलने से बिजली गुल हो गई, जहां रात 11:30 बजे से सुबह 6 बजे तक अंधेरा रहा। शनिवार रात कटरा चांद खां में 11 बजे से लेकर पूरे 24 घंटे में 57 बार ट्रिपिंग हुई, जिससे स्थानीय लोग बेहद परेशान रहे।
लगातार ट्रिपिंग और फॉल्ट से उभरे संकट
हरूनगला उपकेंद्र के ग्रीन पार्क कॉलोनी, सनराइज इंक्लेव, डोहरा रोड सहित कई क्षेत्रों में शनिवार दोपहर से शाम 7 बजे तक बिजली की आवाजाही जारी रही। कुतुबखाना सबस्टेशन के मोतीपार्क फीडर में फॉल्ट से दो घंटे की कटौती हुई। डीडीपुरम, बिहारीपुर पुलिस चौकी, रामपुर गार्डन, मढ़ीनाथ क्षेत्र भी प्रभावित हुए। जोगीनवादा फीडर में अंडरग्राउंड केबल में जंफर बदलने के चलते एक घंटे की कटौती रही।
सुभाषनगर गली नंबर-10 में तारों में आग लगने से बिजली गई, जो शनिवार सुबह बहाल हो सकी। किला सबस्टेशन के फीडर नंबर 8 पर बालाजी बिहार में पांच घंटे बिजली बाधित रही।
पावर ट्रांसफार्मर में धुआं, 90 मिनट तक ठप आपूर्ति
शनिवार शाम शहर के एक उपकेंद्र के 10 एमवीए ट्रांसफार्मर में नटबोल्ट से धुआं उठने के कारण शाम 4:50 से 6:38 बजे तक सभी फीडरों की सप्लाई बंद रही। आकांक्षा इंक्लेव और आशुतोष सिटी सहित कई कॉलोनियों में बिजली गायब रही।
निर्माणाधीन उपकेंद्र पर निरीक्षण, एक्सईएन सिविल को फटकार
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल शनिवार को बरेली पहुंचीं और यहां से बदायूं जोन द्वितीय की समीक्षा बैठक के लिए रवाना हुईं। इससे पहले उन्होंने मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश, अधीक्षण अभियंता ब्रह्मपाल (शहरी) और ज्ञानेंद्र सिंह (ग्रामीण) को राजस्व वसूली 100% करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि 10 हजार रुपये से अधिक के बकायेदारों पर अधिशासी अभियंता स्वयं जाकर कार्रवाई करेंगे। इस दौरान डायरेक्टर टेक्निकल के साथ पवन विहार स्थित निर्माणाधीन उपकेंद्र का निरीक्षण किया गया, जो मार्च तक पूरा होना था, लेकिन अब तक सिर्फ मिट्टी डालने का काम चल रहा है। अधिशासी अभियंता सिविल जुनेद आलम को कार्य में लापरवाही पर फटकार लगाई गई। मिट्टी डालने का कार्य करने वाली मैनपुरी की फर्म एस इंफ्राटेक पर भी सवाल उठे क्योंकि न तो मिट्टी पर पानी डाला गया और न ही रोलर चलवाया गया।
स्टोर और रिपेयर यूनिट का भी हुआ निरीक्षण
सीबीगंज स्थित ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट और स्टोर का निरीक्षण लखनऊ से आए अधीक्षण अभियंता स्टोर ललित कृष्णा ने किया। अधिकारियों को आवश्यक सुझाव और निर्देश दिए गए।