scriptSchool Notice: श्रावण मास में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालय दो दिन रहेंगे बंद: शिवभक्तों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन का बड़ा फैसला | Schools Closed Twice a Week in Budaun During Sawan Month for Devotees' Safety | Patrika News
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School Notice: श्रावण मास में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालय दो दिन रहेंगे बंद: शिवभक्तों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन का बड़ा फैसला

Schools Closed: श्रावण मास में शिव भक्तों की बढ़ती संख्या और सुरक्षा के मद्देनजर बदायूं प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। अब कक्षा 1 से 8 तक के सभी बोर्डों के स्कूल शनिवार और सोमवार को बंद रहेंगे। यह फैसला श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुचारू यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखकर लिया गया है।

बरेलीJul 14, 2025 / 01:07 pm

Ritesh Singh

श्रावण मास में दो दिन स्कूल रहेंगे बंद फोटो सोर्स : Patrika

श्रावण मास में दो दिन स्कूल रहेंगे बंद फोटो सोर्स : Patrika

School Closed Notice: श्रावण मास की पावन शुरुआत के साथ ही उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में प्रशासन ने एक अहम निर्णय लेते हुए कक्षा 1 से 8 तक के समस्त विद्यालयों में श्रावण मास के प्रत्येक शनिवार एवं सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया है। यह आदेश जिलाधिकारी बदायूं की अनुमति के पश्चात उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी किया गया है। इस आदेश के तहत सभी परिषदीय, मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त एवं अन्य सभी बोर्डों से संचालित विद्यालयों पर यह नियम समान रूप से लागू होगा।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि

श्रावण मास हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है, विशेषकर शिव भक्तों के लिए। इस मास में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए जाते हैं। कांवड़ यात्रा, जल चढ़ाने की परंपरा और विभिन्न धार्मिक आयोजनों के चलते सड़कों पर भीड़ भाड़ अत्यधिक बढ़ जाती है। इससे न केवल ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित होती है, बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी विशेष सतर्कता की आवश्यकता होती है। जिलाधिकारी द्वारा लिए गए निर्णय में स्पष्ट किया गया है कि शिव भक्तों की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रावण मास के प्रत्येक शनिवार और सोमवार को मुख्य मार्गों पर रूट डायवर्जन की योजना बनाई गई है। चूंकि विद्यालयों तक पहुँचने के लिए भी इन मार्गों का प्रयोग किया जाता है, अतः छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह अवकाश घोषित किया गया है।

किस-किस पर लागू होगा यह आदेश

यह आदेश उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित सभी विद्यालयों पर लागू होगा। इसमें निम्नलिखित प्रकार के विद्यालय शामिल हैं:

  • परिषदीय विद्यालय (सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय)
  • मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय
  • सहायता प्राप्त विद्यालय
  • किसी भी बोर्ड (जैसे CBSE, ICSE आदि) से संबद्ध विद्यालय जो कक्षा 1 से 8 तक शिक्षा प्रदान करते हैं
  • यह निर्णय समान रूप से सभी पर लागू होगा और इसमें किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई है।
बेसिक शिक्षा परिषद, बदायूं

श्रावण मास: एक सांस्कृतिक झलक

श्रावण मास हिन्दू पंचांग का पाँचवाँ महीना होता है, जो विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए जाना जाता है। इस महीने में विशेष रूप से सोमवार का अत्यधिक धार्मिक महत्व होता है। ‘श्रावण सोमवारी’ को देशभर में श्रद्धालु व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। उत्तर भारत में खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है। लाखों की संख्या में कांवड़िए गंगा जल लेकर अपने-अपने क्षेत्रों के शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। यह यात्रा कई बार प्रशासनिक दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण हो जाती है क्योंकि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण सड़कों पर आवागमन बाधित होता है।

प्रशासन की तैयारियां और शिक्षा विभाग का सहयोग

प्रशासन ने पहले से ही श्रावण मास के दौरान यातायात नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। रूट डायवर्जन, ट्रैफिक पुलिस की तैनाती, आपातकालीन सेवाओं के लिए अलग व्यवस्था आदि की तैयारियाँ की जा रही हैं। शिक्षा विभाग ने प्रशासन के इन निर्णयों का सम्मान करते हुए समय रहते विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों एवं स्कूल प्रबंधनों को निर्देश दिए हैं कि वे इस आदेश का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करें। किसी भी स्तर पर उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

छात्रों और अभिभावकों ने फैसले का किया स्वागत

जैसे ही यह आदेश जारी हुआ, छात्रों और अभिभावकों ने इसे सराहनीय कदम बताया। अभिभावकों का मानना है कि इस समय सड़कों पर अत्यधिक भीड़ होने के कारण बच्चों को स्कूल भेजना जोखिमपूर्ण हो सकता है। इस फैसले से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। कक्षा 6 में पढ़ने वाले छात्र आदित्य की माँ ने बताया, “श्रावण में हर सोमवार और शनिवार को शिव भक्तों की भारी भीड़ होती है। ऐसे में स्कूल भेजना तनावपूर्ण हो जाता है। प्रशासन का ये फैसला बिल्कुल सही है।”

विद्यालयों को दी गई सलाह: ऑनलाइन हो सकती है पढ़ाई

हालांकि यह अवकाश विद्यालयों के लिए अनिवार्य है, लेकिन शिक्षा विभाग ने यह भी कहा है कि यदि संभव हो तो शनिवार और सोमवार को ऑनलाइन क्लासेस या गृहकार्य के माध्यम से पढ़ाई की निरंतरता बनाई रखी जाए। विशेष रूप से निजी विद्यालयों को यह स्वतंत्रता दी गई है कि वे अपने स्तर पर डिजिटल माध्यमों से शिक्षा प्रदान करें।

 धार्मिक आस्था और प्रशासनिक समझ का समन्वय

बदायूं प्रशासन का यह निर्णय धार्मिक आस्था और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने का एक सराहनीय प्रयास है। यह दर्शाता है कि सरकार न केवल लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करती है, बल्कि उनके जीवन और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता भी देती है। श्रावण मास के इस पावन अवसर पर जहां एक ओर श्रद्धालु शिवभक्ति में लीन होंगे, वहीं प्रशासन, शिक्षा विभाग और समाज का हर वर्ग अपने-अपने दायित्वों का पालन करते हुए सामाजिक समरसता का परिचय देगा।

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