पीड़ित छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्होंने हमले की आशंका पहले ही कॉलेज प्रशासन को दे दी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आरोप है कि जब हमला हुआ तो कॉलेज के गार्ड्स और प्रशासन मूकदर्शक बने रहे। पीड़ित पक्ष ने कॉलेज प्रशासन और स्थानीय पुलिस पर पक्षपात का भी आरोप लगाया है।
छात्रा से बात और धार्मिक नारा लगाने का दबाव
रामपुर के थाना शहजादनगर क्षेत्र के दुर्गनगला गांव निवासी फैसल, अरकान और कमल दिवाकर एएनए कॉलेज में बीएससी नर्सिंग के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। फैसल का कॉलेज के ही बरेली निवासी छात्र नितिन से किसी छात्रा से बात करने को लेकर विवाद चल रहा था। दो दिन पहले यह मामला कॉलेज प्रशासन तक पहुंचा था, जहां दोनों को समझा-बुझाकर पढ़ाई पर ध्यान देने की हिदायत दी गई थी। फैसल का आरोप है कि अगले ही दिन नितिन ने उसे फोन कर धार्मिक नारा जय श्रीराम कहने का दबाव बनाया। फैसल ने विरोध किया तो दोनों के बीच फोन पर जमकर गाली-गलौज हुई। इसके अगले दिन शनिवार को फैसल और उसके दोनों साथी जब कॉलेज पहुंचे तो छुट्टी के बाद गेट पर नितिन और उसके 15 साथी पहले से मौजूद थे।
गेट पर बेरहमी से पीटा, पुलिस और प्रशासन रहे नाकाम
फैसल ने हमले की आशंका पहले ही कॉलेज प्रधानाचार्य विनीता राज को दी थी, लेकिन आरोप है कि उन्होंने उसकी बात को नजरअंदाज कर दिया। कॉलेज से बाहर निकलते ही फैसल, अरकान और कमल पर नितिन और उसके साथियों ने हमला कर दिया। लाठी, डंडों और रॉड से तीनों को बुरी तरह पीटा गया। जब छात्र बेहोशी की हालत में गिर पड़े, तब आरोपी वहां से फरार हो गए। घटना की जानकारी मिलने पर फैसल का भाई और अधिवक्ता मोहम्मद आरिफ मौके पर पहुंचे और यूपी-112 पर सूचना दी। पुलिस तीनों घायलों को थाने ले गई। अधिवक्ता आरिफ ने आरोप लगाया कि थाना पुलिस ने पीड़ितों के साथ अभद्रता की और मामले को दबाने की कोशिश की।
एसएसपी के दखल पर दर्ज हुई एफआईआर
मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिवक्ता मोहम्मद आरिफ ने एसएसपी अनुराग आर्य से शिकायत की। एसएसपी के निर्देश पर थाना पुलिस ने नितिन, विकेश, अमन राठौर, अमन त्यागी, चंद्रशेखर, नितिन के भाई समेत 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। हालांकि खबर लिखे जाने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। पीड़ित पक्ष ने सुरक्षा की मांग करते हुए कहा है कि कॉलेज प्रशासन और पुलिस की लापरवाही से छात्रों की जान खतरे में पड़ी, जिसके लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए।