ऐसे में यूआईटी के गठन से बालोतरा शहर सहित आस-पास के पेराफेरी बेल्ट में विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी। जिससे शहरी तर्ज पर सड़क, नाली, रोडलाइट आदि के कार्य करवाए जाएंगे। अब नगर परिषद के साथ ही यूआईटी से शहर के विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। बालोतरा में कपड़ा इंडस्ट्रीज के बाद रिफाइनरी का कार्य शुरू होने से शहर की आबादी बढ़ने के साथ ही क्षेत्रफल भी दुगुना हुआ है। ऐसे में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार व विकास को लेकर यूआईटी का गठन किया गया है।
शहर के विकास कार्यों को मिलेगी गति
यूआईटी अध्यक्ष सुशील कुमार यादव ने पत्रिका के साथ अपना विजन साझा किया। यादव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा अनुसार यूआईटी से बालोतरा शहर का स्वरूप बदलने के लिए ठोस कार्य योजना पर कार्य किया जाएगा। रिफाइनरी सहित औद्योगिक इकाइयों और कमर्शियल क्षेत्रों का विकास करने के साथ ही शहर के मुख्य चौराहों, मुख्य मार्गों व प्रमुख स्थलों को चिन्हित कर विभिन्न विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि शहर का स्वरूप निखर सके। साथ ही आधारभूत सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। यूआईटी बनने से शहर सहित आस-पास के पेराफेरी बेल्ट में विकास कार्यों को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि बालोतरा को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए विकास से जुड़े विभागों के साथ समन्वय करके नए विजन के साथ आगे बढ़ेंगे। यूआईटी के क्षेत्राधिकार में बालोतरा शहर, बालोतरा नगर परिषद क्षेत्र, शनिधाम जेरला, आवासन मण्डल माजीवाला, माजीसा नगर जसोल, जसवंतसिंह नगर, जसोल, तेमावस, पचपदरा, मंडापुरा, वेजाजी की ढाणी, सिंधिया की ढाणी, चीरढाणी, रूपादे नगर, गोपड़ी, गोदारों की ढाणी, मल्लीनाथ नगर, चांदियों की ढाणी, शिवनाथपुरा, रेवाड़ा जेतमाल, रेवाड़ा बारठान सहित 121 गांवों को शामिल किया गया है। इनमें पचपदरा तहसील के 95 गांव, कल्याणपुर तहसील के 7 गांव, पाटोदी तहसील के 17 गांवों के साथ ही जसोल और बालोतरा क्षेत्र को शामिल किया गया है।