इससे बीएसएफ जवानों के साथ ही दूरस्थ ग्रामीणों को भी आवागमन में राहत मिलेगी। ये सड़कें लंबे समय से क्षतिग्रस्त थीं। कहीं ग्रेवल तो कहीं डामर सड़कें जर्जर हालत में हैं।
वास्तविक स्थिति का सर्वे करवाया था
जिला कलेक्टर ने एक वर्ष पूर्व सीमा चौकियों तक जाने वाले सड़कों की वास्तविक स्थिति का सर्वे सार्वजनिक निर्माण विभाग से करवाया था। इसके आधार पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सरकार को पत्र लिखकर 147 किमी की 34 सड़कों के नवीनीकरण की मांग की थी। अब प्रथम चरण में 12 सड़कों के 64.63 किलोमीटर हिस्से को डामरीकरण के लिए 25.71 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। शेष सड़कों की स्वीकृति भी शीघ्र मिलने की संभावना है।
बीएसएफ ने कई पत्र लिखे
बीएसएफ लंबे समय से बॉर्डर की ग्रेवल सड़कों के डामरीकरण की मांग कर रही थी। जवानों को गर्मी में आंधियों से रास्तों पर रेत जमने के कारण आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इसे लेकर बीएसएफ अधिकारियों ने जिला कलेक्टर, बीआरओ, पीडब्ल्यूडी और सरकार को कई बार पत्र लिखे।