धार्मिक स्थलों से जुड़े हैं लाखों श्रद्धालु बालोतरा जिले में कई प्रसिद्ध मंदिर और तीर्थ स्थल हैं, जो न केवल आस्था का केंद्र हैं, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। इनमें नाकोड़ा जैन तीर्थ, भगवान पार्श्वनाथ व भैरुजी का प्रसिद्ध मंदिर है, यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। खेड़ गांव स्थित भगवान विष्णु का श्री रणछोड़ राय मंदिर, राठौड़ों की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध रहा है। इसी तरह राजपुरोहित समाज की ओर से स्थापित ब्रह्मधाम आसोतरा, भारत का तीसरा ब्रह्मा मंदिर है। जसोलधाम माता राणी भटियाणी मंदिर में भाद्रपद त्रयोदशी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। लोकदेवता बाबा रामदेव से जुड़ा बिठूजा मंदिर स्थल ‘मिनी रामदेवरा’ के नाम से प्रसिद्ध है। वहीं राठौड़ों की कुलदेवी नागणेची माता का मंदिर है। तिलवाड़ा स्थित रानी रूपादे मंदिर व लोकदेवता मल्लीनाथ मंदिर और स्मारक पर आयोजित होने वाले विशाल पशु मेले में पर्यटकों व ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी रहती है।
ऐतिहासिक धरोहरों से बढ़ेगा पर्यटन जिले से 35 किमी दूर स्थित सिवाना दुर्ग का निर्माण 10वीं शताब्दी में वीर नारायण परमार ने करवाया था। वहीं
महाभारत काल से जुड़ा यह भीमगोडा तीर्थ स्थान प्राकृतिक स्रोतों और धार्मिक आस्था का केंद्र है। पीपलून गांव की तलहटी में स्थित छप्पन की पहाड़ियां पर पर्यटकों की बहार रहती है। यहां सावन और बरसात में लोग पैदल यात्रा करते हैं। ऐसे में ऐतिहासिक धरोहरों व धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों के आने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलने लगा है।
रिफाइनरी और उद्योग से खुलेंगे रोजगार के रास्ते जिले के पचपदरा में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी निर्माणाधीन है। यहां अगस्त 2025 से कॉमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करने का लक्ष्य है। इससे जिले सहित रिफाइनरी क्षेत्र के लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलने लगेगा। वहीं औद्योगिक नगरी में करीब 1 हजार से अधिक कपड़ा फैक्ट्रियों में पेटीकोट, फॉल, नाइटी आदि के कपड़े तैयार होने के साथ ही इनका निर्यात विदेशों में होता है। जिससे लोगों को रोजगार मिलने लगा है। वहीं शहर में ओवर ब्रिज बनने से बाहर से आने वाले पर्यटकों व लोगों को शहर के ट्रैफिक में नहीं फंसना पड़ता है।