त्रिवेणी धाम खालसा में भंडारा सुबह 7 से देर रात 11 बजे तक चलता है। खोजीपीठ त्रिवेणी धाम खालसा में देशी घी के लड्डू, गुलाब जामुन, बीकानेरी रसगुल्ले, पेठा, बीकानेरी भुजिया, हलवा, चावल, चपाती, दाल, सब्जी सहित कई प्रकार के व्यंजन श्रद्धालुओं को परोसे जा रहे हैं। ये व्यंजन श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे है। प्रयागराज में राजस्थान का प्रसिद्ध चूरमा दाल बाटी भी श्रद्धालुओं को परोसा जा रहा है। साधु संतों एवं भक्तों को बालभोग में सेव, केले, अंगूर, पपीता, अनार के अलावा पौष खीचड़ा, खिचड़ी, दलिया भी परोसा जा रहा है। श्रद्धालुओं को रोजाना अलग अलग व्यंजन परोसे जा रहे है।
महाकुंभ में रामेश्वर ताखर, कैलाश चंद मीणा, राजेन्द्र दादरवाल सहित त्रिवेणी धाम के स्थानीय लोगों के अलावा सम्पूर्ण भारत के कोने-कोने से आए भक्त सेवा में जुटे हैं। कर्मचारी और अधिकारी छुट्टी लेकर और युवा अपने कार्य छोड़कर साधु-संतों और श्रद्धालुओं की सेवा में दिन-रात जुटे हुए हैं। भंडारे में गोपनीय रूप से प्रसादी के लिए विभिन्न खाद्य सामग्री आ रही है। भेजने वाले का नाम सीताराम व पाने वाले वाले का नाम भी सीताराम लिखा होता है।
त्रिवेणी धाम में ब्रह्मलीन पद्मश्री संत बाबा नारायणदास के गुरु बाबा भगवान दास ने महाकुंभ में भंडारा लगाकर साधु-संतों और भक्तों के लिए शुरुआत की थी। इस परंपरा को ब्रह्मलीन पद्मश्री संत नारायणदेवाचार्य ने आगे बढ़ाया। वर्तमान में संत रामरिछपालदेवाचार्य इस आयोजन को निरंतर जारी रखे हुए हैं और भक्तों और शिष्यों के साथ साधु-संतों की सेवा में लगे हैं। त्रिवेणी धाम खालसा में तामड़िया धाम के संत धन्नापीठाधीश्वर बजरंगदेवाचार्य, जयपुर के महामंडलेश्वर संत सियारामदास, महामंडलेश्वर मनोहरदास मानसरोवर जयपुर, महामंडलेश्वर रामचरणदास, महामंडलेश्वर राजूदास, साध्वी संतचरणदास, साध्वी हेमा दीदी, बालयोगीदास महाकुंभ में आयोजित भंडारे में साधु संतों की सेवा में जुटे हैं।
गुरुदेव बाबा नारायणदेवाचार्य के आदेश पर महाकुंभ में षट दर्शन सभी पंथों को भोजन प्रसाद के साथ सम्मान किया जा रहा है। महाकुंभ में लगे सभी अखाड़ों की सेवा और सम्मान किया जाएगा।
–खोजीपीठाधीश्वर रामरिछपालदेवाचार्य महाराज, त्रिवेणी धाम खालसा
-125 हलवाई
-250 कार्यकर्ता
-सुबह 7 से देर रात 11 बजे तक चल रहा भंडारा
-बालभोग में करा रहे फलाहार
-1 लाख लोग रोज पा रहे प्रसादी