ग्रामीणों ने बताया कि वे इस समस्या को लेकर सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और अन्य जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। विरोध कर रही उर्मिला, बरजी देवी, माया देवी आदि ने बताया कि जब विकास अधिकारी से मिले तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि नाथावाला अब नगरपरिषद में आता है, पंचायत कुछ नहीं कर सकती।
SDM के जयपुर में मीटिंग पर होने के कारण प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष नाथूलाल सैनी की मौजूदगी में कार्यालय कार्मिक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में साफ कहा कि दो दिन में बोरिंग दुरुस्त किया जाए, अन्यथा ग्रामीण पंचायत कार्यालय पर ताला लगाकर धरना देंगे।
सवाल बड़ा है… क्या भीषण गर्मी में प्यास से जूझ रहे नाथावाला के लोग प्रशासनिक लापरवाही का शिकार बने रहेंगे? या फिर अब जनता की आवाज पर कोई ठोस कार्रवाई होगी?